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पटवारी व ई-मित्र संचालक ले रहे थे किसान से 10 हजार रिश्वत, सही समय पर हुए गिरफ्तार

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ग्रामीण जोधपुर ने महिला पटवारी सोनिया रैगर और ई-मित्र संचालक विजयवीर सिंह को मध्यस्थ के तौर पर 20 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है। महिला पटवारी ने नामांतरण, जमीन का शुद्धिकरण और रहने की आजादी देने की एवज में 12 हजार रुपए की मांग की थी..........
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जोधपुर न्यूज़ डेस्क !!! भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ग्रामीण जोधपुर ने महिला पटवारी सोनिया रैगर और ई-मित्र संचालक विजयवीर सिंह को मध्यस्थ के तौर पर 20 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है। महिला पटवारी ने नामांतरण, जमीन का शुद्धिकरण और रहने की आजादी देने की एवज में 12 हजार रुपए की मांग की थी। 


ब्यूरो के उप महानिरीक्षक हरेन्द्र महावर ने बताया कि बालरवा गांव के एक किसान की शिकायत पर पटवार मण्डल ने बालरवा के पतवारी केकड़ी निवासी सोनिया पुत्री कैलाश रैगर और ई-मित्र संचालक बालरवा निवासी विजयवीर सिंह पुत्र विजयवीर सिंह को गिरफ्तार किया है. दस हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप सत्यापन के बाद शिकायतकर्ता पटवार मंडल कार्यालय में पटवारी सोनिया को रिश्वत देने गया। वहां ई-मित्र संचालक भी मौजूद थे. पटवारी के कहने पर परिवादी ने ई-मित्र संचालक को दस हजार रुपए दे दिए। फिर दोनों ऑफिस से बाहर आ गये. ई-मित्र संचालक ने पटवारी को मोपेड पर बैठाकर बस स्टैण्ड छोड़ा। रास्ते में एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया. तलाशी में दस हजार रुपये भी बरामद हुए।


डेढ़ माह पहले शिकायत की पुष्टि

ब्यूरो निरीक्षक अनु चौधरी ने बताया कि पारिवारिक बंटवारे के बाद परिवादी को जमीन का नामांतरण, शुद्धिकरण व कब्जा के साथ दाखिल खारिज दाखिल करना था। जब उसने पटवारी सोनिया से संपर्क किया तो 12 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई। 5 मार्च को परिवादी ने एसीबी की ग्रामीण चौकी पर शिकायत दर्ज कराई. 7 मार्च को ब्यूरो की ओर से गोपनीय सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई।


दो दिन पहले जाल बिछाया गया था, लेकिन पटवारी बच गया

सत्यापन के बाद एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई थी, लेकिन परिवादी खेती में व्यस्त हो गया। इसके चलते कार्रवाई में देरी हुई। दो दिन पहले एसीबी ने पटवारी को पकड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन सफल नहीं हो पाई।

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