राजस्थान के जोधपुर शहर से पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करने वाली घटना सामने आई है। पावटा क्षेत्र के मानजी का हत्था इलाके में दो युवकों के साथ कथित रूप से कुछ पुलिसकर्मियों ने डर-धमका कर अपहरण किया और फिर थाने में ले जाकर अवैध रूप से दो लाख रुपये नकद और क्रिप्टोकरेंसी की जबरन वसूली की।
पीड़ित युवकों ने आरोप लगाया कि उन्हें बिना किसी कारण के पकड़कर माता का थान थाने ले जाया गया, जहां उन्हें बंधक बनाकर मानसिक दबाव डाला गया और जबरन रुपये व क्रिप्टो करेंसी देने को मजबूर किया गया। इतना ही नहीं, पुलिसकर्मियों ने उन्हें किसी से भी इस घटना का ज़िक्र न करने की सख्त धमकी दी और बाद में छोड़ दिया।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़ितों ने डीसीपी कार्यालय में लिखित शिकायत दी, जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। जांच के आधार पर बुधवार देर रात एफआईआर दर्ज कर चार से पांच संदिग्ध पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया गया है। फिलहाल मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।
पुलिस विभाग पर सवाल
इस घटना ने पुलिस विभाग की छवि पर गहरा धक्का पहुंचाया है। जिस संस्था पर नागरिकों की सुरक्षा का दायित्व होता है, वही अगर अपहरण और जबरन वसूली जैसे संगीन आरोपों में फंसती है, तो आम लोगों का विश्वास डगमगाना स्वाभाविक है।
वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिक्रिया
इस प्रकरण पर वरिष्ठ अधिकारियों ने फिलहाल कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि दोषी पाए जाने पर संबंधित पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
स्थानीय नागरिकों में आक्रोश
घटना के बाद स्थानीय नागरिकों में नाराजगी देखी गई है। लोगों का कहना है कि पुलिस का ऐसा रवैया आमजन के लिए खतरे की घंटी है और ऐसे मामलों में सरकार को भी संज्ञान लेकर पारदर्शी जांच सुनिश्चित करनी चाहिए।
अब देखना यह होगा कि जांच में क्या निकलता है और क्या पीड़ितों को न्याय मिल पाता है या नहीं। इस बीच, मामले ने राजस्थान में कानून-व्यवस्था को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है।

