पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने परसराम मदेरणा को बताया प्रेरणास्रोत, प्रदेश के राजनीतिक हालात पर भी रखी राय
राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में भाग लिया। इस अवसर पर गहलोत ने परसराम मदेरणा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें एक बड़े जाट नेता और प्रेरणादायी व्यक्तित्व बताया। कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में गहलोत ने प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर भी अपने विचार स्पष्ट किए।
गहलोत ने कहा कि परसराम मदेरणा केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि किसानों की आवाज थे। वे ग्रामीण जीवन, खेतिहर समाज और सामाजिक न्याय की भावना को राजनीति में मजबूत करने वाले व्यक्तित्व थे। उन्होंने कहा कि मदेरणा ने जिस तरीके से विधानसभा अध्यक्ष के रूप में संविधान की मर्यादा बनाए रखी, वह आज भी अनुकरणीय है। गहलोत ने बताया कि वे खुद भी मदेरणा जी से राजनीति के कई गुर सीखते थे और उनके साथ काम करने का उन्हें सौभाग्य मिला।
इस मौके पर गहलोत ने प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने बदलाव की उम्मीद में भाजपा को सत्ता सौंपी थी, लेकिन आज जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। किसानों, युवाओं और बेरोजगारों के मुद्दों पर सरकार पूरी तरह विफल रही है।
गहलोत ने कहा, “मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार में अब तक कोई ठोस नीति सामने नहीं आई है। केवल घोषणाओं और सोशल मीडिया की राजनीति चल रही है। जबकि जमीनी स्तर पर प्रशासन और जनता के बीच संवाद की भारी कमी है।” उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस कार्यकर्ता जनता के बीच लगातार सक्रिय हैं और आने वाले समय में जनता खुद भाजपा को जवाब देगी।
राजस्थान में होने वाले आगामी स्थानीय निकाय चुनावों पर बोलते हुए गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पूरी मजबूती से चुनाव मैदान में उतरेगी। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि संगठन में जरूरी फेरबदल और युवा नेतृत्व को आगे लाने की रणनीति तैयार की जा रही है।
सभा में मदेरणा परिवार के सदस्यों के साथ-साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। वक्ताओं ने परसराम मदेरणा के राजनीतिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके विचारों को आज के दौर में भी प्रासंगिक बताया।

