'मूर्खता का त्याग कीजिए', आसाराम की जेल से भक्तों से अपील, वॉट्सऐप ग्रुप में शेयर किया खास मैसेज
जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम ने अपने भक्तों के लिए एक खास संदेश एक व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किया है, जिसका स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। इस व्हाट्सएप संदेश के जरिए आसाराम ने अपने अनुयायियों से मूर्खता छोड़ने की अपील की है। आसाराम ने साफ कहा है कि सत्संग के वीडियो सोशल मीडिया पर न डाले जाएं, न ही किसी और को भेजे जाएं, क्योंकि विरोधी इसका फायदा उठा रहे हैं।
आसाराम के संदेश में क्या लिखा है?
इस मैसेज में लिखा है- 'लड़की के वकील ने कोर्ट को बताया कि फेसबुक पर कई सत्संग हैं।' तारीख सहित। अदालत चाहे तो जांच कर सकती है। यह आप लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई हर चीज का नकारात्मक प्रभाव है। अब इस वीडियो का इस्तेमाल अदालत में हमारे खिलाफ किया जा रहा है। हम भावना या मूर्खतावश सोशल मीडिया पर सब कुछ पोस्ट कर देते हैं। लेकिन इसका परिणाम यह होता है कि विरोधी इसका फायदा उठा लेते हैं। इसलिए सभी से अनुरोध है कि मूर्खता त्यागें और इधर-उधर सत्संग भेजना बंद करें। सोशल मीडिया पर कोई भी वीडियो पोस्ट न करें।
हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर 7 अप्रैल को सुनवाई
आपको बता दें कि आसाराम ने राजस्थान हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है। इस पर सुनवाई दो अप्रैल को पूरी हो गई थी। हालांकि, जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने आसाराम को कोई राहत नहीं दी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा कि आसाराम ने प्रवचन दिए थे, जो निश्चित तौर पर सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का उल्लंघन है। इस पर कोर्ट ने आसाराम के वकील से हलफनामा मांगा है, ताकि यह साबित हो सके कि सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया गया। इस मामले में अगली सुनवाई अब 7 अप्रैल को निर्धारित की गई है।
जमानत की शर्तें क्या थीं?
पिछली बार आसाराम को अंतरिम जमानत देते समय अदालत ने अनुयायियों के साथ समूह में नहीं मिलने, सभाओं को संबोधित नहीं करने, मीडिया से बात नहीं करने और उनकी सुरक्षा के लिए तैनात तीन पुलिसकर्मियों का खर्च वहन करने जैसी शर्तें लगाई थीं। हालाँकि, धर्मोपदेश का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। इसके चलते अब आसाराम को अपनी अंतरिम जमानत बढ़वाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।