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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से किठाना गांव में छाया सन्नाटा, मंदिरों में की गई प्रार्थनाएं

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से किठाना गांव में छाया सन्नाटा, मंदिरों में की गई प्रार्थनाएं

देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सोमवार शाम अचानक दिए गए इस्तीफे की खबर ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी, बल्कि उनके पैतृक गांव किठाना (झुंझुनूं) में भी मायूसी और स्तब्धता का माहौल बना दिया। गांव की चौपालों से लेकर गलियों और मंदिरों तक हर जगह केवल धनखड़ के इस्तीफे की चर्चा हो रही है।

किठाना गांव, जो अब तक उपराष्ट्रपति के रूप में अपने बेटे की उपलब्धियों पर गर्व करता रहा, मंगलवार सुबह एक अलग ही मनोस्थिति में नजर आया। लोगों की आँखों में चिंता थी, और जुबां पर सिर्फ एक ही सवाल– “आख़िर अचानक ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया?”

ग्रामीणों की मायूसी और चिंता

गांव के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक हर कोई इस खबर से व्यथित नजर आया। चौपाल पर बैठे बुजुर्ग रामेश्वर जाट कहते हैं, “हम तो हर रोज़ टीवी पर उनका भाषण सुनते थे, गाँव का नाम ऊँचा किया था उन्होंने, पर ये अचानक क्या हो गया, समझ नहीं आ रहा।” वहीं गांव की महिलाओं ने धनखड़ जी की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए स्थानीय हनुमान मंदिर और शिव मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की।

मंदिरों में की गई विशेष प्रार्थनाएं

गांव के मंदिरों में मंगलवार को विशेष प्रार्थना और हवन किए गए। पंडित लोकेश शर्मा ने बताया कि, “गांव के लोग बहुत भावुक हैं, उपराष्ट्रपति जी की कुशलता के लिए सुबह से ही लोग पूजा कराने आ रहे हैं। हमने महामृत्युंजय जाप और विशेष आरती की।”

इस्तीफे की वजह पर अटकलें

हालांकि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे की आधिकारिक वजह सामने नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक हलकों में अटकलों का बाजार गर्म है। कुछ इसे किसी नए राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ इसे स्वास्थ्य कारणों से संबंधित मान रहे हैं।

गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ एक अनुभवी राजनेता और प्रखर वक्ता रहे हैं। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। ग्रामीणों का उनसे विशेष लगाव रहा है क्योंकि धनखड़ हमेशा अपने गांव और क्षेत्र से जुड़े रहे और कई बार अपने व्यस्ततम कार्यक्रमों के बीच गांव आकर लोगों से सीधे संवाद भी किया।

प्रशासन और मीडिया की हलचल

धनखड़ के इस्तीफे की खबर फैलते ही गांव में प्रशासन और मीडिया की भी हलचल बढ़ गई। पुलिस की एक टीम ने गांव में पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जायजा लिया। वहीं विभिन्न मीडिया चैनलों की ओबी वैन भी गांव में डटी हुई हैं।

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