झुंझुनूं रोडवेज डिपो में फर्जी हाजिरी और वेतन घोटाले के मामले में हाईकोर्ट ने सस्पेंड कर्मचारियों की याचिका खारिज की
झुंझुनूं रोडवेज डिपो में फर्जी हाजिरी, गलत मेडिकल सर्टिफिकेट के सहारे बिना ड्यूटी किए वेतन उठाने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने सस्पेंड कर्मचारियों द्वारा दायर स्टे याचिका को खारिज कर दिया है।
हाईकोर्ट का निर्णय
हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि विभाग द्वारा जारी निलंबन आदेश प्रथम दृष्ट्या नियमों के अनुरूप हैं और इस स्तर पर याचिकाकर्ताओं को कोई राहत प्रदान नहीं की जा सकती। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विभाग ने अपने अधिकारों का सही उपयोग करते हुए कार्रवाई की है, इसलिए निलंबन आदेश को रोका नहीं जा सकता।
मामले की पृष्ठभूमि
झुंझुनूं रोडवेज डिपो में कुछ कर्मचारियों पर आरोप था कि वे फर्जी हाजिरी लगाकर, गलत मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाकर बिना ड्यूटी किए वेतन ले रहे थे। विभाग ने इस मामले की जांच कर संबंधित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था। निलंबित कर्मचारियों ने कोर्ट में याचिका दायर कर निलंबन को रोकने का प्रयास किया था, लेकिन कोर्ट ने उनका अनुरोध खारिज कर दिया।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि विभाग न केवल नियमों के अनुसार कार्रवाई कर रहा है, बल्कि भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से विभाग में अनुशासन और ईमानदारी को मजबूती मिलेगी।
आगे की कार्यवाही
कोर्ट के इस निर्णय के बाद विभाग ने संकेत दिया है कि वे इस मामले में कड़ी निगरानी रखेंगे और भविष्य में भी किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बख्शा नहीं जाएगा। संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच और आवश्यकतानुसार अन्य कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।

