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नारी गांव में अवैध खनन बना खतरा, पहाड़ ढहने से गांव में मचा हड़कंप

नारी गांव में अवैध खनन बना खतरा, पहाड़ ढहने से गांव में मचा हड़कंप

झुंझुनूं जिले की चिड़ावा तहसील के नारी गांव में बुधवार को अवैध खनन के चलते एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। गांव के समीप स्थित पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक ढह गया, जिससे पूरे गांव में दहशत का माहौल बन गया। इस घटना ने न केवल ग्रामीणों को डराया, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना के तुरंत बाद ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पर जमा हो गई। लोगों ने अवैध खनन माफियाओं पर कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध जताया। ग्रामीणों का आरोप है कि लंबे समय से इस इलाके में अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है और प्रशासन जानबूझकर आंखें मूंदे हुए है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस पर शीघ्र रोक नहीं लगाई गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। तहसीलदार कमलदीप पूनिया, पटवारी तमन्ना, जिला परिषद सदस्य नरेंद्र और सरपंच प्रतिनिधि आशीष मौके पर पहुंचे और गिर चुके पहाड़ी हिस्से का मुआयना किया। अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

तहसीलदार कमलदीप पूनिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, "अवैध खनन की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है। संबंधित विभाग को जांच के आदेश दिए गए हैं और दोषियों पर कठोर कदम उठाए जाएंगे।" वहीं, पटवारी तमन्ना ने बताया कि क्षेत्र का सर्वे कराया जाएगा ताकि भविष्य में किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।

ग्रामीणों ने बताया कि अवैध खनन के कारण न केवल पहाड़ी का अस्तित्व खतरे में है, बल्कि आस-पास बसे लोगों की जानमाल को भी बड़ा खतरा है। खनन के लिए उपयोग की जा रही भारी मशीनें दिन-रात चलती हैं, जिससे कंपन और शोर से घरों में दरारें तक आने लगी हैं।

इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। राजस्थान सरकार के खनन विभाग को भी इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। वहीं, स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी ग्रामीणों ने मांग की है कि वे इस मुद्दे को जिला और राज्य स्तर पर प्रमुखता से उठाएं।

फिलहाल गांव में डर का माहौल बना हुआ है और ग्रामीण प्रशासन की अगली कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। इस हादसे ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि अवैध खनन सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नहीं, बल्कि जनजीवन के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है।

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