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Jhansi  लोन चुकाने में महिलाएं पुरुषों से अवव्ल, रोजगार की इन योजनाओं से जुड़ी महिलाएं
 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  कोरोना काल की विभीषिका ने जहां कई लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया तो वहीं रोजगार करने की दिशा में महिलाओं के कदम घर क चौखट से भ बाहर निकले. सरकारी योजनाएं इसमें मददगार साबित हुई और कई तरह के उद्यम करते हुए महिलाएं अब अपने पैरों पर खड़ी भी हो गई. उद्यम में इसके पहले पुरुष वर्ग का ही बोलबाला रहा और महिलाओं के आने पर यह पुरुषों को कर्ज समय से चुकाने में पछाड़कर अव्वल साबित हुई. रेशियों में भले ही कम हों पर ऋण अदायगी में नंबर वन बनकर उभर रह है. भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की पड़ताल की गई. डाटा को इकठ्ठा किया और विभागों ने जानकारी जुटाई. जिसमें देखा कि कोरोना काल के बाद महिलाओं ने भी घर गृहस्थी चलाने योजनाओं में पहले की तुलना में अधिक आवेदन किए. आंकड़ों में देखें तो प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में पचास लाख तक ऋण मिलता.
इस योजना में तीन वर्ष में 108 महिलाएं रोजगार के कार्यो से जुड़ी. इसी तरह ओडीओपी में 57 महिलाएं इसके अलावा मुुख्यमंत्री स्वत रोजगार योजना में भी 43 महिलाएं जुड़कर अपने अपने रोजगार से अपने बलबूते पैसा कमा रही है. यह महिलाएं अलग अलग योजनाओं से रेडीमेड गारमेंटस, दौना पत्तल बुटीक फूड प्रोसेसिंग मसाले टेडी वीयर रेडीमेट के अलावा स्वापी आदि के कार्यो को भी कर रही है.

इसके अलावा कई महिलाएं एनआरएलएम के समूूहों से जुड़कर कई तरह के डलिया सूपा झाड़ूू मिट्टी के खिलौने समेत कई तरह के कार्य कर रही है. इसमें भी महिलाओं की समूह में बड़ी संख्या है. मिल्क प्रोसेसिंग का भी कार्य कर रही है. सबसे अहम बात यह है कि कर्ज लेने में महिलाओं की पुरुषों की अपेक्षा संख्या कम है पर कर्ज अदायगी में यह पुरुषों से अव्व्ल है.
रोजगार की इन योजनाओं से जुड़ी महिलाएं
प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम योजना में वर्ष 2020-21 में 24 महिलाएं है, 2021-22 में 35 महिलाएं है, इसी तरह 2022-23 में 49 महिलाएं है. एलडीएम कार्यालय की मानें तो कर्ज अदा करने में महिलाएं अव्वल है इसी तरह ओडीओपी में इन्हीं तीन वर्ष के आंकड़े लिए.जिसमें महिलाओं की संख्या में हर साल इजाफा हुआ. मुुख्यमंत्री स्वत रोजगार योजना में भी इन्हीं तीन वित्तीय वर्ष 2020-21,2021-22,2022-23 में करीब 45 महिलाएं है. यह कई तरह के व्यवसाय से जुड़ी है.
ललितपुर में चार सौ महिलाओं ने लगाए उद्यम
कोरोना काल के दौरान बंद कारोबार, फिसलती नौकरियों के बीच आर्थिक संकट से जूझते परिवारों को संभालने के लिए चूल्हा चौका बर्तन तक सीमित रहने वाली महिलाएं आगे आयीं. उद्योग स्थापित करने वाली महिलाओं में से 40 ने जिला उद्योग केन्द्र की विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण लिया. शेष महिलाओं ने मुद्रा लोन लेकर व्यापार को आगे बढ़ाया. इनमें साठ प्रतिशत महिलाएं समय से ऋण अदा कर रही हैं जबकि शेष चालीस प्रतिशत एक दो महीने में अपनी बकाएदारी चुकाती हैं. जिला उद्योग केन्द्र के आंकड़ों के अनुसार 1,265 महिला उद्यमी अपना कारोबार कर रही हैं. पीतल उद्योग, हथकरघा, रेडीमेड, गारमेंट्स, दाल मिल, आटा मिट संचालित कर रही हैं. कोरोना काल से पहले इनकी संख्या 987 के आस पास थी. शेष 278 महिलाओं ने संकट के समय खुद को साबित किया और व्यवसायी बनकर उभरीं.


झाँसी  न्यूज़ डेस्क
 

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