
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क ग्रामीणों को सुविधाजनक ढंग से पानी मुहैया कराने के लिए निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं ने उनका चलना दूभर कर दिया है. इन योजनाओं को तैयार करने वाली कार्यदायी संस्थाओं ने पाइप लाइन डालते समय सड़के तो खोद दीं लेकिन उनको दुरुस्त नहीं किया. जिस कारण वाहन चालक, राहगीर गिरकर चुटहिल हो रहे हैं. साढ़ूमल गांव में तो हालाता इससे भी बेहद दयनीय हैं.
जनपद के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या वर्षों से बनी हुई है. खासकर गर्मियों में भूगर्भ जलस्तर सरकने के कारण तालाब, बंधी, चेकडैम, कूप, हैंडपंप आदि जलस्रोतों में पानी समाप्त सा हो जाता है. इन हालातों में पीने और अन्य दैनिक उपयोग के लिए पानी जुटाने में ग्रामीणों को पसीना बहाना पड़ता है. कई गांवों में पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.
इन स्थितियों को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार जनपद में 15 पाइप पेजयल योजनाएं तैयार करवा रहे हैं. जिनसे ग्रामीणों को पानी दिया जाएगा. ग्राम पंचायत साढूमल में नल-जल योजना के अन्तर्गत पाइप लाइन बिछाने के लिए कई सड़कों व गलियों में खुदाई की गई, लेकिन लाइन बिछाने के बाद भी इनको दुरुस्त नहीं किया गया. जिस कारण यह सड़कें अब भी खुदी पड़ी हैं. जिस कारण हर दिन राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई लोग तो गिरकर चोटिल भी हो रहे हैं. बारिश के दौरान इन खुदी कीचड़युक्त सड़कों पर दो कदम चलना संभव नहीं था. सड़क खोदने के बाद उनको दुरुस्त नहीं करने को लेकर साढ़ूमल के ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. वह किसी भी दिन बड़ा आंदोलन कर सकते हैं.
डेढ़ वर्ष बीतने के बावजूद पाइपों से पानी नहीं
साढ़ूमल ग्राम पंचायत में सड़कों को खोदकर पाइप लाइन बिछाने के साथ ही लोगों के घरों तक संयोजन के पाइप उपलब्ध कराए गए थे, जिससे ग्रामीणों को जलापूर्ति की उम्मीद जागी थी. लेकिन, इस कार्य को डेढ़ वर्ष बीतने के बावजूद इन पाइपों से पानी की एक बूंद नहीं टपकी. ग्रामीण आज भी पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक को इस समस्या से अवगत कराया लेकिन समस्या नहीं सुधरी.
झाँसी न्यूज़ डेस्क