उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क जीडीए की ओर से प्रस्तावित 1500 प्रधानमंत्री आवास जमीन उपयुक्त जमीन के अभाव में फंस गए हैं. हार्बर्ट बांध पर प्राधिकरण को मिली जमीन के पास गारबेज ट्रांसफर स्टेशन और निगम कर्मचारियों के अस्थाई आवास के कारण विरोध को देखते हुए प्राधिकरण नगर विकास विभाग को इन आवासों को सरेंडर करने के लिए पत्र भी लिख चुका है. जीडीए के अधिकारियों के मुताबिक पीएम आवास योजना शहरी की नई गाइडलाइन का इंतजार है.
साल 2019 में हार्बर्ट बांध के पास बसंतपुर में प्रशासन ने पांच एकड़ जमीन प्राधिकरण को उपलब्ध कराई थी. यहां उपलब्ध जमीन पर सिर्फ 150 की संख्या में ही आवास बनाए जा सकते थे. क्योंकि अधिकाश जमीन पर नगर निगम के सफाई कर्मचारियों का आवास बना हुआ था. निर्माण को लेकर काफी विरोध भी था. बाद के दिनों में प्रस्तावित जमीन के पास ही नगर निगम ने गारबेज ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण शुरू करा दिया. इस निर्माण को लेकर काफी विरोध सामने आया. पूर्व प्राधिकरण उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह व महेंद्र सिंह तंवर ने अपने कार्यकाल में आवास सरेंडर को शासन को पत्र लिखा.
कुछ माह पूर्व तीसरी बार जीडीए ने शासन को आवास सरेंडर करने के लिए पत्र लिखा लेकिन अभी शासन की तरफ आवंटित लक्ष्य की सूची से प्राधिकरण के नाम 1500 आवास दर्ज हैं. अब जबकि पीएम आवास योजना-2 लागू कर दी गई. शहरी क्षेत्र में पीएम आवास को लेकर अभी नई गाइडलाइन जारी नहीं है. ऐसे में प्राधिकरण जमीन के अन्य विकल्प तलाश रहा है. पीएम आवास योजना-2.0 के तहत भी उन्हें आवास का लक्ष्य मिला तो दूसरे स्थान पर चार मंजिला पीएम आवास योजना के फ्लैट बनाएंगे.
पीएम आवास का पूर्व में आवंटित लक्ष्य सरेंडर करने के लिए तीन बार शासन को पत्र लिखा चुका है. अब जबकी पीएम आवास योजना 2.0 की नई गाइड लाइन जारी होने वाली है, लक्ष्य मिला तो दूसरे स्थान पर आवास बनाए जाएंगे.
- आनंद वर्द्धन, उपाध्यक्ष, जीडीए
झाँसी न्यूज़ डेस्क