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Jhansi  - चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे को 235 करोड़, 90 किलोमीटर का होगा झांसी लिंक एक्सप्रेस, चित्रकूट में होंगे तीन रूट, सभी मार्ग बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के जरिए एमपी से जुड़ेंगे
 

Jhansi  - चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे को 235 करोड़, 90 किलोमीटर का होगा झांसी लिंक एक्सप्रेस, चित्रकूट में होंगे तीन रूट, सभी मार्ग बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के जरिए एमपी से जुड़ेंगे


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   योगी सरकार-2 ने  दूसरा बजट पेश किया. बजट में बुंदेलखंड की झोली में दो लिंक एक्सप्रेस-वे की सौगात दी. प्रारंभिक चरण में निर्माण के लिए 235 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है. पहला लिंक एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे-174 किमी पर उरई से गरौठा डिफेंस कारिडोर-झांसी राजमार्ग-27 से होते हुए एमपी सीमा से जुड़ेगा. दूसरा लिंक एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे शून्य भरतकूप से होते हुए देवंगाना-चित्रकूट-सतना मार्ग तक बनेगा. यहां भी लिंक एक्सप्रेस-वे एमपी सीमा से जुड़ेगा.
बुंदेलखंड की सीमाएं मध्यप्रदेश से जुड़ी हैं. जल्द ही दोनों राज्य की सीमाएं एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएंगी. यूपीडा इसके लिए प्री-फिजिबिलिटी अध्ययन को परामर्शी चयन के लिए टेंडर कर चुकी है. स्कोप ऑफ वर्क अर्थात कहां-कहां पर कौन-कौन से स्ट्रक्चर बनेंगे और खर्च आएगा, आंकलन के बाद काम शुरू करा दिया जाएगा. यूपीडा पैकेज वन के एई एसके यादव ने बताया कि दोनों लिंक एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से जोड़ते हुए एमपी बार्डर तक बनाए जाएंगे. झांसी लिंक एक्सप्रेस-वे 90 किलोमीटर लंबा होगा. वहीं, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए तीन मार्ग प्रस्तावित हैं. जोकि 15, 20 और 21 किमी के हैं. प्री-फिजिबिलिटी अध्ययन के लिए परामर्शी एजेंसी चयन के बाद दोनों लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माणकार्य के लिए टेंडर और भूमि अधिग्रहण आदि की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगा. बजट की घोषणा होने से लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.

80 प्रतिशत किसानों की मंजूरी से भूमि अधिग्रहण
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण होना बाकी है. इसके लिए जरूरी है कि जहां भूमि अग्रिहण प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी. वहां के 80 प्रतिशत किसान आपसी सहमति से भूमि इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए देने को तैयार हों. सर्किल रेट का चार गुना भुगतान किया जाएगा.
कॉरिडोर एक्सप्रेस-वे से दस किमी दायरे में जरूरी
जहां की भूमि अधिग्रहण की जाए. वह क्षेत्र बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के जितने करीब होगा. यातायात के लिए उतनी सुगमता रहेगी. एक्सप्रेस-वे से 10 किलोमीटर दूरी से अधिक न हो. अच्छे स्कूल, पेयजल, पहुंच मार्ग, विद्युत आपूर्ति और स्थानीय मार्केट नजदीक होना जरूरी है.
अधिकारियों के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे के आसपास प्रॉपर्टी डीलरों ने कई किसानों की भूमि कब्जे में ले रखी है. इससे सर्किल रेट से अधिक दाम हो गए हैं, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भूमि में दिक्कतें आएगीं. कहीं 50 फीसदी किसान ही तैयार हैं. जबकि 80 प्रतिशत का राजी होना जरूरी है.


झाँसी  न्यूज़ डेस्क
 

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