झालावाड़ स्कूल हादसे पर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया गहरा शोक, परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं
राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक स्कूल में हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा कर इस दुर्घटना को "अत्यंत दुखद" बताया और प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
पीएम मोदी ने लिखा, "राजस्थान के झालावाड़ में एक स्कूल में हुई दुर्घटना अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं।" उनके इस संदेश के साथ ही केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने की बात भी सामने आई है।
बताया जा रहा है कि यह हादसा गुरुवार की सुबह हुआ, जब स्कूल भवन का एक हिस्सा अचानक गिर गया। मलबे में दबने से कई छात्रों को गंभीर चोटें आईं, जबकि कुछ की मौके पर ही मौत हो गई। राहत और बचाव कार्य में जिला प्रशासन, पुलिस बल और एनडीआरएफ की टीम जुटी रही। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया और कई को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी भी दे दी गई।
इस हादसे के बाद राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संवेदना प्रकट करते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। शिक्षा विभाग से भी इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनात्मक प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार इस त्रासदी को गंभीरता से ले रही है। पीएम की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी और हादसे के कारणों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच हादसे से प्रभावित परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों में भी स्कूल प्रबंधन और भवन की सुरक्षा को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है। कुछ अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप भी लगाए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में स्कूल भवनों की जर्जर हालत के कारण इस प्रकार की घटनाएं सामने आती रही हैं। अब यह हादसा एक बार फिर स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
सरकार से यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। प्रधानमंत्री की संवेदना और गंभीरता से यह संकेत जरूर मिला है कि केंद्र इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही करने को तत्पर है।

