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Jamshedpur झारखंड में वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे का काम अटका, निर्माण में पेंच वन भूमि के बदले गैर वन क्षेत्र वाली गैर मजरुआ या निजी जमीन की भरपाई रोड़ा
 

Jamshedpur झारखंड में वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे का काम अटका, निर्माण में पेंच वन भूमि के बदले गैर वन क्षेत्र वाली गैर मजरुआ या निजी जमीन की भरपाई रोड़ा


झारखण्ड न्यूज़ डेस्क,  पूर्वी राज्यों के बीच तीव्र कनेक्टिविटी के लिए सबसे अहम मानी जा रही सड़क परियोजना वाराणसी-कोलकाता वाया रांची सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे का झारखंड की सीमा में निर्माण अटकता दिख रहा है. इसकी दो प्रमुख वजहें सामने आ रही हैं.
पहला, केंद्र सरकार के नए नियम के मुताबिक वन भूमि के उपयोग की क्षतिपूर्ति के लिए एनएचएआई को गैर वन क्षेत्र वाली भूमि उपलब्ध कर भरपाई करनी है. इसके लिए एनएचएआई को गैर मजरुआ या किसी निजी पार्टी से जमीन खरीदनी होगी. ऐसी करीब 1900 एकड़ भूमि की जरूरत है. झारखंड के संदर्भ में यह बेहद मुश्किल हो गया है. दूसरा, अधिग्रहण और मुआवजा बांटने की धीमी प्रक्रिया. रामगढ़ के अलावा दूसरे जिलों में यह प्रक्रिया बहुत धीमी बताई जा रही है.
इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 610 किमी है. इसमें 203 किलोमीटर लंबाई झारखंड की सीमा में गुजरेगी. झारखंड के हिस्से में निर्माण छह खंडों में बांट कर किया जाएगा. एनएचएआई ने बीते जून में ही एजेंसियों का चयन कर लिया था. निर्माण एजेंसी को सक्रिय किया गया है, लेकिन भूमि अधिग्रहण और फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इस सड़क का निर्माण झारखंड सीमा में शुरू हो सकेगा. एनएचएआई ने अक्तूबर से इस सड़क का निर्माण शुरू कर 2026 में पूरा करने का लक्ष्य रखा है. एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि नियमानुसार 80 फीसदी भूमि हासिल होने के बाद ही सड़क का काम शुरू किया जा सकता है. परियोजना में देरी होने लगी है. ऐसे में एक अच्छी कनेक्टिविटी के लिए लोगों का इंतजार बढ़ जाएगा.

झारखंड में इस एक्सप्रेस-वे की लागत यूटिलिटी शिफ्टिंग, अधिग्रहण एवं मुआवजा को शामिल कर कुल करीब 10 हजार करोड़ आएगी.
कनेक्टिविटी के लिए पूर्वी राज्यों के बीच सबसे अहम
इस एक्सप्रेस-वे के बनने से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच हाई स्पीड की नई कनेक्टिविटी मिलेगी. एक दूसरा मार्ग जीटी रोड है जिसे छह लेन बनाया जा रहा है, लेकिन इस पर भारी वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है. दूसरी ओर वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे एसेस कंट्रोल रोड होगा. इसे तेज गति के लिहाज से डिजाइन किया गया है. इसके एलाइनमेंट में मुड़ाव कम हैं. एनएचएआई ने निर्माण की गति को तेज रखने के लिए रामगढ़ में डेडिकेटेड कार्यालय भी बनाया है.

जमशेदपुर न्यूज़ डेस्क !!!

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