
झारखण्ड न्यूज़ डेस्क, एमजीएम अस्पताल के आर्थो विभाग में नई सी-आर्म मशीन की खरीदारी कर ली गई है. इस मशीन से अब हड्डी के टूटने से जुड़ी सर्जरी आसानी से हो सकेगी. मशीन के अभाव में आर्थो विभाग में ऑपरेशन के लिए मरीजों की लंबी वेटिंग लिस्ट भी अब कम हो जाएगी, क्योंकि पुरानी सी-आर्म मशीन अक्सर ब्रेकडाउन हो जाती थी, जिसके कारण ऑपरेशन प्रभावित होता था. लेकिन अब नई में यह समस्या नहीं आएगी. मशीन को आर्थो विभाग की ओटी में इंस्टॉल कर दिया गया है और ऑपरेशन भी शुरू हो गया है.
विभाग की दो यूनिट में मरीज ऑपरेशन के इंतजार में फिलहाल विभाग की दो यूनिट में करीब 20 से मरीज ऑपरेशन के इंतजार में हैं. लेकिन आने वाले दिन में यह वेटिंग लिस्ट खत्म हो जाएगी. पूर्व में लगी सी-आर्म मशीन 10 साल पुरानी हो गई थी. इस कारण समस्या आ रही थी. डीसी की पहल पर नई मशीन की खरीदारी की गई है.
क्या है सी-आर्म मशीन का काम कमर, कूल्हे व शरीर के अन्य हिस्सों की जटिल आर्थोपेडिक सर्जरी में इस मशीन का उपयोग होता है. इसके जरिए चिकित्सक टूटी हुई हड्डियों के उस भाग को स्क्रीन पर देख सकते हैं, जहां स्क्रू, प्लेट आदि लगाना है. शरीर में हर तरह के फ्रैक्चर यानी किसी भी हिस्से की हड्डी टूटने या फूटने पर बगैर प्रभावित हिस्से को खोले आसपास के स्थान से होल कर रॉड या प्लेट को आसानी से डालकर हड्डी को कम समय में जोड़ा जा सकेगा.
बच्चों व बुजुर्गों को इस मशीन से सबसे ज्यादा फायदा होगा. कई बार बच्चों के हाथ या पैर में फ्रैक्चर होने पर उस हिस्से को खोलकर रॉड या प्लेट डालने में मुश्किल का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब सी-आर्म मशीन के जरिये बगैर किसी तकलीफ के आसानी से हड्डी को जोड़ा जा सकेगा.
जमशेदपुर न्यूज़ डेस्क !!!