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Jamshedpur दलमा के पेड़-पौधों पर शोध कर सकेंगे छात्र

Jamshedpur दलमा के पेड़-पौधों पर शोध कर सकेंगे छात्र

झारखण्ड न्यूज़ डेस्क,  दलमा की प्राकृतिक संपदा को जानने-समझने का विद्यार्थियों को मिलने लगेगा। वनस्पति विज्ञान, जीव विज्ञान के साथ-साथ पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए दलमा वन्यजीव अभयारण्य में पहल की जा रही है। वन विभाग के दलमा रेंज की ओर से विभिन्न विश्वविद्यालयों को इसके लिए आमंत्रित किया जा रहा है। विश्वविद्यालयों से आग्रह किया जा रहा है कि वह दलमा में पाए जाने वाली वनस्पतियों के साथ-साथ पशु, पक्षी, कीट-पतंगों पर शोध करें। दलमा में छिपे कई अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने में मदद करें। विभाग योजना बनाकर वाइल्ड लाइफ प्रोफेशनल और विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ विद्यार्थियों को अध्ययन करने का अवसर देने की तैयारी कर रहा है। दलमा के जंगलों में कई रहस्य हैं। शोधार्थी इन क्षेत्रों में अध्ययन के लिए आवेदन कर सकते हैं। अध्ययन में दलमा से जुड़ी नई जानकारियां सामने आ सकती हैं। छात्र पीएचडी गाइड के पत्र के माध्यम से अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।

अध्ययन केंद्र का निर्माण

197 किलोमीटर में फैले दलमा गज अभयारण्य घने जंगलों के लिए जाना जाता है। यहां बड़ी संख्या में हिरण, भालू, सुअर, जंगली बिल्ली, लाल गिलहरी, अजगर अन्य जीव-जंतु पाए जाते हैं। पहले किए गए शोध में यह बात सामने आई है कि यहां के जंगल में कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जो हजारों वर्ष पुराने हो सकते हैं। दलमा में अध्ययन केंद्र का भी निर्माण किया गया है।

विद्यार्थियों को होगा लाभ

पेड़-पौधे व जीव जंतुओं पर शोध करने वाले विद्यार्थियों को कई बार बाहर जाना पड़ता है। कई बार रिसर्च के लिए नमूने कलेक्शन बगीचे और प्रयोगशालाओं के आसपास बनाए गए गार्डेन से किए जाते हैं। इससे शोध के परिणाम की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। जीव-जंतुओं के मामले में भी अधिकतर चिड़ियाघर पर निर्भर रहते हैं। कई बार अनुमति लेने में होने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जमशेदपुर न्यूज़ डेस्क!!!

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