
झारखण्ड न्यूज़ डेस्क, पुरुषों में नसबंदी का प्रचलन कम होने से स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि 2023-24 में अब तक एक भी पुरुष ने नसबंदी नहीं कराई है, जबकि अप्रैल में जमशेदपुर व घाटशिला अस्पताल समेत जिला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इसके लिए 9 दिन शिविर लगाया गया था.
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आलोक रंजन महतो ने स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को पत्र भेजकर पुरुष नसबंदी के प्रति हर गांव में जागरुकता अभियान चलाने का आदेश दिया है. दूसरी ओर पंचायत क्षेत्र की एएनएम, सहिया व ब्लॉक ट्रेनिंग टीम को कम से कम दो पुरुषों को सदर अस्पताल के नसबंदी शिविर में लाने का लक्ष्य दिया गया है. इससे सहिया व बीटीटी गांव-गांव में पुरुषों को बता रहीं है कि नसबंदी से वैवाहिक जीवन में कोई अंतर नहीं पड़ेगा.
दो बच्चे के पिता स्वत नसबंदी के लिए आगे आकर सरकार की योजना का लाभ उठा सकते हैं. पुरुषों को भी नसबंदी कराने से महिला बंध्याकरण की तरह सरकार से प्रोत्साहन राशि मिलता है.
जिला में 1045 नसबंदी का लक्ष्य
स्वास्थ्य विभाग ने पूर्वी सिंहभूम जिला के लिए वित्तीय वर्ष 2023- 24 में 1045 नसबंदी का लक्ष्य रखा है, जबकि 2022 में सिर्फ 77 पुरुषों ने ही नसबंदी कराई थी. महिला को बंध्याकरण में 2000 तो पुरुषों को नसबंदी कराने पर 3000 प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है, लेकिन पुरुषों में नसबंदी के प्रति उत्साह नहीं है. इधर, सरकार परिवार नियोजन के दोनों (स्थाई एवं अस्थाई) उपाय में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष जोर दे रही है.
जमशेदपुर न्यूज़ डेस्क !!!