जालोर में मूसलाधार बारिश से सुंधा माता मंदिर परिसर में हालात गंभीर, झरनों में आई बाढ़ जैसी स्थिति

जिले में गुरुवार सुबह से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन के साथ-साथ धार्मिक स्थलों को भी प्रभावित कर दिया है। खासतौर पर अरावली पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित प्रसिद्ध सुंधा माता मंदिर परिसर में बारिश का व्यापक असर देखा गया।
अलसुबह से जारी तेज बारिश के कारण मंदिर के चारों ओर बहने वाले झरनों का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ गया और वे नदियों की तरह उफनने लगे। बहाव इतना तेज हो गया कि परिसर के आसपास बहता पानी श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के लिए खतरा बन गया। मंदिर प्रशासन के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अनजाने में इन झरनों में उतरता तो वह पानी के तेज बहाव में बह सकता था।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुंधा माता व्यवस्थापन समिति ने तत्परता दिखाते हुए एक आपात अपील जारी की है। समिति ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे बहते पानी में किसी भी स्थिति में न उतरें और जहां हैं, वहीं ठहरें। साथ ही, अफवाहों से दूर रहकर शांति बनाए रखने की अपील भी की गई है।
समिति की अपील में कहा गया है:
"झरनों में पानी का बहाव अत्यधिक तेज है। सभी श्रद्धालुओं और नागरिकों से निवेदन है कि वे किसी भी हालत में आगे न बढ़ें। मंदिर प्रशासन आपके सहयोग से ही सभी की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।"
बारिश के चलते मंदिर तक पहुंचने वाले रास्तों पर भी कीचड़ और फिसलन की स्थिति बन गई है। कई श्रद्धालु जो पहले से मंदिर परिसर में मौजूद थे, उन्हें अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह दी गई है।
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें भी सतर्क हो गई हैं। जरूरत पड़ने पर बचाव कार्य और व्यवस्था के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया जाएगा।
मौसम विभाग ने आने वाले 24 घंटे में भारी वर्षा की संभावना जताई है, जिससे खतरा और बढ़ सकता है। मंदिर प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपनी यात्रा टालें और जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती, तब तक मंदिर दर्शन के लिए न आएं।
सुंधा माता मंदिर जालोर जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां सालभर लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। बारिश के मौसम में यहां प्राकृतिक सौंदर्य अपने चरम पर होता है, लेकिन साथ ही खतरे भी बढ़ जाते हैं।