राज्यपाल हरिभाऊ बागडे़ का जालोर दौरा, विकास योजनाओं की समीक्षा, शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष जोर
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे़ गुरुवार को जिले के दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने जालोर कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और विभिन्न विभागों की योजनाओं और विकास कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। राज्यपाल ने अधिकारियों को योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए और समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने पर बल दिया।
शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
बैठक में राज्यपाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षण कार्य कराया जाए। उन्होंने कहा कि पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ शोधपरक और व्यवहारिक जानकारियां भी विद्यार्थियों को दी जाएं, ताकि उनका सर्वांगीण विकास संभव हो सके।
उन्होंने कहा कि बच्चों में विश्लेषणात्मक क्षमता और बौद्धिक सोच विकसित करना जरूरी है, और इसके लिए शिक्षकों को अपनी भूमिका में नवाचार लाना होगा। राज्यपाल ने शिक्षकों को प्रेरित किया कि वे बच्चों के साथ संवाद बढ़ाएं और उन्हें केवल रटने की बजाय समझने की प्रवृत्ति की ओर ले जाएं।
मिड-डे मील योजना की भी ली समीक्षा
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे़ ने जिले में संचालित राजकीय स्कूलों और उनमें अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मिड-डे मील योजना की समीक्षा करते हुए यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने कहा कि कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में मिड-डे मील योजना की भूमिका अहम है। इसलिए इसमें किसी भी तरह की लापरवाही या गुणवत्ता में कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि भोजन की नियमित निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों पर भी ध्यान दिया जाए।
विभागवार प्रगति की समीक्षा
राज्यपाल ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, जल संसाधन, कृषि और सामाजिक न्याय जैसे अहम विभागों के कामों की समीक्षा करते हुए जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी जनहित में पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदनशीलता के साथ कार्य करें।
उन्होंने कहा कि योजनाएं तभी सफल मानी जाएंगी जब उनका लाभ ज़मीन पर दिखे, और इसके लिए सभी विभागों में आपसी समन्वय और समयबद्ध क्रियान्वयन जरूरी है।

