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विधानसभा में गूंजा भूमिहीन किसानों का मुद्दा, वीडियो में देखें विधायक छोटूसिंह और भाटी ने उठाई आवाज

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राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जैसलमेर के भूमिहीन किसानों का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया गया। जैसलमेर विधायक छोटूसिंह ने नियम 295 के तहत सरकार का ध्यान इस गंभीर मसले की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि जिले के हजारों किसान आज भी जमीन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर कब तक इन किसानों को अपनी जमीन का इंतजार करना पड़ेगा।

छोटूसिंह ने कहा कि जैसलमेर की धरती पर वर्षों से खेती-किसानी कर रहे कई परिवार आज भी भूमिहीन हैं। वे सरकार की भूमि आवंटन योजनाओं की राह देख रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिल पाई है। उनका आरोप था कि इन किसानों को हक देने के बजाय, उनकी जमीनें निजी कंपनियों को आवंटित कर दी जा रही हैं। इससे किसानों में भारी रोष है और वे लगातार आंदोलन की राह पर हैं।

भाटी ने भी सरकार से की तीखी मांग

छोटूसिंह के समर्थन में खड़े होते हुए जैसलमेर के ही एक अन्य विधायक भाटी ने भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने विधानसभा में कहा कि सरकार को प्राथमिकता से इन भूमिहीन किसानों को जमीन का आवंटन करना चाहिए। भाटी ने स्पष्ट आरोप लगाया कि किसानों की वर्षों पुरानी जमीनों को निजी कंपनियों को हस्तांतरित किया जा रहा है, जबकि वहां पीढ़ियों से खेती करने वाले किसानों का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा।

भाटी ने कहा, "यह अन्याय है कि जैसलमेर के असली हकदारों को दरकिनार कर भूमाफियाओं और बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। सरकार को तुरंत हस्तक्षेप कर इन किसानों को उनकी जमीनों पर अधिकार देना चाहिए।"

विधायकों ने मांगा न्याय, नहीं तो आंदोलन की चेतावनी

दोनों विधायकों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो वे किसानों के साथ मिलकर व्यापक आंदोलन की रणनीति बनाएंगे। उन्होंने कहा कि जैसलमेर के किसान आज भी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं और बिना जमीन के उनका जीवन बेहद कठिन है। ऐसे में भूमि आवंटन उनका हक है, जिसे अब और टाला नहीं जाना चाहिए।

सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार

विधानसभा में इस मुद्दे के उठने के बाद अब सबकी नजर सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हुई है। सूत्रों के अनुसार, राजस्व विभाग इस मुद्दे पर रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि अब तक किन किसानों को भूमि आवंटित की गई है और किनकी मांगें लंबित हैं। हालांकि, विधायकों के आरोपों को लेकर सरकार पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

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