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जैसलमेर में 9वें गोडावण का हुआ जन्म, वीडियो में देखें प्रोजेक्ट जीआईबी को सफलता

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राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके से एक बार फिर खुशखबरी सामने आई है। जैसलमेर के प्रसिद्ध सुदासरी गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में विलुप्तप्राय पक्षी गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) का एक और चूज़ा जन्म लेकर संरक्षकों की मेहनत को सफल बना गया है। यह इस वर्ष जन्म लेने वाला नौवां गोडावण है, जो इस दुर्लभ प्रजाति को बचाने की दिशा में एक और अहम कदम माना जा रहा है।

गौरतलब है कि गोडावण को भारत के सबसे संकटग्रस्त पक्षियों में गिना जाता है। एक समय भारत के कई हिस्सों में पाए जाने वाला यह पक्षी अब केवल राजस्थान के कुछ सीमित इलाकों तक ही सीमित रह गया है। गोडावण की गिरती संख्या को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर इसके संरक्षण हेतु विशेष प्रयास शुरू किए हैं, जिनमें जैसलमेर स्थित सुदासरी ब्रीडिंग सेंटर एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है।

विशेषज्ञों की देखरेख में जन्मा यह चूज़ा पूरी तरह स्वस्थ है और इसे अत्यंत सावधानी से एक संरक्षित वातावरण में रखा गया है। वन विभाग के अधिकारियों और पक्षी विशेषज्ञों की टीम इसकी हर गतिविधि पर लगातार नजर बनाए हुए है।

वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "गोडावण का सफल प्रजनन बेहद कठिन प्रक्रिया है, क्योंकि यह पक्षी अत्यधिक संवेदनशील होता है। इस साल का यह नौवां जन्म इस बात का प्रमाण है कि हमारी रणनीति और मेहनत सही दिशा में जा रही है।"

स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों में भी इस खबर को लेकर उत्साह है। जैसलमेर के लोग इस पक्षी को न सिर्फ गौरव का प्रतीक मानते हैं, बल्कि इसे रेगिस्तान की आत्मा के रूप में भी देखते हैं। गोडावण को राज्य पक्षी का दर्जा प्राप्त है और यह राजस्थान की जैव विविधता की पहचान बन चुका है।

गोडावण के संरक्षण की दिशा में यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब लगातार बढ़ते शहरीकरण, बिजली लाइनों और कृषि रसायनों के कारण इसका प्राकृतिक आवास सिकुड़ता जा रहा है। ऐसे में ब्रीडिंग सेंटर जैसी पहलें इन दुर्लभ प्रजातियों के लिए आशा की किरण बनकर सामने आई हैं।

संरक्षणकर्ताओं को उम्मीद है कि आने वाले समय में गोडावण की संख्या में और इज़ाफा होगा और यह पक्षी फिर से अपने पुराने गौरव को प्राप्त कर पाएगा। जैसलमेर से मिल रही इस तरह की लगातार अच्छी खबरें देशभर के पर्यावरणविदों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं।

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