जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में 22 जून को मनाई जाएगी योगिनी एकादशी, वीडियो में जानें दर्शन व्यवस्था में बड़ा बदलाव

जयपुर के ऐतिहासिक और आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में 22 जून को योगिनी एकादशी पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। आषाढ़ मास की शुरुआत के साथ ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी है। ऐसे में मंदिर प्रशासन ने इस विशेष दिन पर दर्शन व्यवस्था में अहम बदलाव करते हुए सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
🧘♀️ क्या है योगिनी एकादशी का महत्व?
योगिनी एकादशी को पापनाशिनी और मोक्षदायिनी एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और भगवान विष्णु के दर्शन से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। गोविंददेवजी मंदिर में हर वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस दिन दर्शन के लिए उमड़ते हैं।
🛑 इस बार दर्शन व्यवस्था में बड़ा बदलाव
गोविंददेवजी मंदिर प्रशासन ने बताया कि इस बार मंदिर परिसर में ‘चलते-चलते दर्शन’ की व्यवस्था की गई है। यानी कोई भी श्रद्धालु मंदिर में रुककर या बैठकर दर्शन नहीं कर सकेगा।
मुख्य प्रबंधक संजय शर्मा ने बताया कि गर्मी के मौसम और भीड़ के दबाव को देखते हुए यह फैसला लिया गया है ताकि धक्का-मुक्की और अव्यवस्था से बचा जा सके।
दर्शन व्यवस्था की प्रमुख बातें:
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श्रद्धालुओं को लाइन में चलकर दर्शन करने होंगे
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किसी को भी रुकने या बैठने की अनुमति नहीं
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सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती होगी
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मंदिर परिसर में कूलिंग और पानी की व्यवस्था की गई है
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बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए विशेष मार्ग और सुविधा रहेगी
प्रशासन ने की अपील
मंदिर प्रशासन और पुलिस विभाग ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मंदिर में दर्शन के दौरान अनुशासन बनाए रखें, प्रशासन का सहयोग करें और जल्दबाज़ी या धक्का-मुक्की से बचें।
श्रद्धालु अनुभव और आस्था का संगम
योगिनी एकादशी पर गोविंददेवजी मंदिर में विशेष श्रृंगार, भजन-कीर्तन और आरती का आयोजन भी होगा। हालांकि, दर्शन सीमित समय और व्यवस्था के अनुरूप होंगे। श्रद्धालु मोबाइल कैमरे से दर्शन का वीडियो/फोटो भी ले सकेंगे, लेकिन बिना रुकावट पैदा किए।