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नए साल से जयपुर सहित राजस्थान के पर्यटन स्थलों पर घूमना जेब पर पडेगा भारी, फुटेज में जानें 10 साल बाद टिकट कीमतें बढ़ीं

नए साल से जयपुर सहित राजस्थान के पर्यटन स्थलों पर घूमना जेब पर पडेगा भारी, फुटेज में जानें 10 साल बाद टिकट कीमतें बढ़ीं

राजस्थान आने वाले पर्यटकों के लिए नए साल से घूमना महंगा पड़ने वाला है। राज्य सरकार ने जयपुर सहित राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों और ऐतिहासिक स्मारकों की प्रवेश शुल्क दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। यह नई दरें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। खास बात यह है कि वर्ष 2015 के बाद करीब 10 साल में पहली बार टिकट दरों में इजाफा किया गया है।

राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग के अधीन आने वाले अधिकांश ऐतिहासिक स्मारकों और दर्शनीय स्थलों पर प्रवेश शुल्क लगभग दोगुना कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि स्मारकों के संरक्षण, रखरखाव और पर्यटक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस संबंध में पिछले तीन महीनों से प्रक्रिया चल रही थी, जिसे अब अंतिम रूप दे दिया गया है और इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं।

जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल आमेर महल की बात करें तो अब यहां भारतीय पर्यटकों को 200 रुपए का टिकट लेना होगा, जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 1000 रुपए तय किया गया है। इससे पहले आमेर महल में भारतीय पर्यटकों के लिए टिकट शुल्क काफी कम था, जिसे अब सीधे दोगुना कर दिया गया है। इसी तरह अन्य प्रमुख स्मारकों पर भी भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग दरें तय की गई हैं।

पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जयपुर के अलावा उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर और कोटा जैसे प्रमुख पर्यटन शहरों के ऐतिहासिक किलों, महलों और संग्रहालयों की टिकट दरों में भी बढ़ोतरी की गई है। इसमें सिटी पैलेस, जंतर-मंतर, नाहरगढ़, जैगढ़, मेहरानगढ़ किला और अन्य प्रसिद्ध स्मारक शामिल हैं। अधिकतर जगहों पर टिकट दरें लगभग दोगुनी कर दी गई हैं, जिससे पर्यटकों की जेब पर असर पड़ना तय माना जा रहा है।

सरकार का तर्क है कि पिछले कई वर्षों से टिकट दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था, जबकि रखरखाव, सुरक्षा, साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में प्रवेश शुल्क में वृद्धि जरूरी हो गई थी। विभाग का कहना है कि बढ़ी हुई राशि का उपयोग स्मारकों के संरक्षण, डिजिटल सुविधाओं, लाइट एंड साउंड शो, पर्यटक सूचना केंद्र और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने में किया जाएगा।

हालांकि, टिकट दरों में बढ़ोतरी को लेकर पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कुछ लोगों का मानना है कि इससे सरकार की आमदनी बढ़ेगी और सुविधाएं बेहतर होंगी, लेकिन वहीं होटल और टूर ऑपरेटरों का कहना है कि ज्यादा शुल्क होने से घरेलू पर्यटकों की संख्या पर असर पड़ सकता है। खासतौर पर बजट ट्रैवल करने वाले पर्यटकों के लिए यह बढ़ोतरी परेशानी का कारण बन सकती है।

पर्यटकों का भी कहना है कि अगर टिकट महंगे किए जा रहे हैं, तो सुविधाओं में भी उसी स्तर का सुधार दिखना चाहिए। कुल मिलाकर, नए साल 2026 की शुरुआत के साथ ही राजस्थान में पर्यटन स्थलों पर घूमना पहले की तुलना में महंगा हो जाएगा और इसका सीधा असर पर्यटकों की जेब पर पड़ेगा।

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