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कोटपूतली में ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट ऑफिस पर लगाया ताला, वीडियो में देखें गेट पर किया प्रदर्शन 3 घंटे बाद खोला

राजस्थान के मुख्य सचिव सीएस सुधांश पंत के मंगलवार को कोटपूतली दौरे के दौरान उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया, जब कुछ ग्रामीणों और अभिभाषक संघ के सदस्यों ने उनसे मुलाकात कर ज्ञापन सौंपने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने उन्हें मिलने की अनुमति नहीं दी। प्रशासनिक रवैये से नाराज़ होकर ग्रामीणों और वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया और कोटपूतली कलेक्ट्रेट कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया

क्या है पूरा मामला?
मुख्य सचिव सुधांश पंत का यह दौरा प्रशासनिक समीक्षा और विभिन्न योजनाओं की जमीनी स्थिति का निरीक्षण करने के लिए तय था। दौरे के कार्यक्रम के तहत वे कई अधिकारियों से मिले और क्षेत्र का जायज़ा भी लिया। लेकिन जैसे ही ग्रामीणों और स्थानीय वकीलों को यह सूचना मिली कि मुख्य सचिव कोटपूतली में मौजूद हैं, उन्होंने अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर उनसे मिलने की कोशिश की।

ग्रामीणों का कहना था कि वे लंबे समय से क्षेत्र में पेयजल संकट, सड़क निर्माण और भूमि विवादों से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं और चाहते थे कि वे सीधे राज्य के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी को अपनी बात कह सकें। वहीं, अभिभाषक संघ के पदाधिकारियों का कहना था कि न्यायालय भवन की स्थिति और अधिवक्ताओं से जुड़ी सुविधाओं को लेकर वे ज्ञापन सौंपना चाहते थे।

प्रशासन ने नहीं दी मुलाकात की अनुमति
प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा और समय की कमी का हवाला देते हुए किसी को भी मुख्य सचिव से मिलने की अनुमति नहीं दी। इससे नाराज़ होकर ग्रामीणों और अभिभाषक संघ के सदस्यों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया और नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया

विरोध के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पुलिस बल को बुलाया गया। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को संबंधित उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। काफी मान-मनौव्वल के बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए और ताला खोला गया।

अभिभाषक संघ ने जताई नाराज़गी
अभिभाषक संघ के प्रतिनिधियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह लोकतंत्र का अपमान है कि आमजन और अधिवक्ताओं को राज्य के मुख्य सचिव से मिलने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वे चरणबद्ध आंदोलन की राह पर चलेंगे।

क्या बोले प्रशासनिक अधिकारी?
प्रशासन की ओर से कहा गया कि दौरे का कार्यक्रम पहले से तय था और सुरक्षा कारणों व समय की सीमा के चलते मुलाकात संभव नहीं हो सकी। हालांकि, सभी ज्ञापन लिए जाएंगे और संबंधित विभागों को अग्रेषित किए जाएंगे।

इस घटनाक्रम ने कोटपूतली में प्रशासन और आमजन के बीच संवादहीनता के मुद्दे को उजागर कर दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में प्रशासन इस नाराज़गी को कैसे दूर करता है।

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