प्रदेश की नई उद्योग नीति के तहत प्रवासी राजस्थानी करेंगे 1.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश, 15 जिलों को मिलेगा फायदा
राजस्थान में प्रदेश की नई उद्योग नीति के तहत प्रवासी राजस्थानी निवेशकों की भागीदारी बढ़ती जा रही है। वर्तमान में 9 प्रवासी उद्यमियों की कंपनियां 1.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ राज्य के विभिन्न जिलों में अपने प्रोजेक्ट्स चला रही हैं।
इन निवेशकों की कंपनियां राजस्थान के 15 जिलों में ऊर्जा, ऑयल-गैस, सीमेंट, मार्बल, प्लास्टिक, रेल इंफ्रास्ट्रक्चर और सिविल एविएशन जैसे विविध क्षेत्रों में प्रोजेक्ट्स स्थापित कर रही हैं। उद्योग विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ये निवेश राज्य के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
कई प्रोजेक्ट्स पहले से चल रहे हैं और अब इनका दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव भी सामने है। इसका उद्देश्य उत्पादन क्षमता बढ़ाना, नए रोजगार सृजन करना और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है। इसके अलावा, नई निवेश योजनाओं के तहत आधुनिक तकनीक और पर्यावरण अनुकूल उत्पादन प्रक्रियाओं को अपनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
प्रदेश सरकार की नई उद्योग नीति के तहत प्रवासी राजस्थानी निवेशकों को कई सुविधाएं और प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। इसमें भूमि उपलब्धता, टैक्स राहत, विद्युत आपूर्ति में प्राथमिकता और सरल लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं जैसी सुविधाएं शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इन निवेशकों की भागीदारी से राज्य में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले।
औद्योगिक विशेषज्ञों का कहना है कि प्रवासी राजस्थानी निवेशकों का यह निवेश न केवल राज्य के औद्योगिक विकास को गति देगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और नवाचार को भी प्रोत्साहित करेगा। कई क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक और उपकरणों के निवेश से उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में वृद्धि की संभावना है।
सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया है कि निवेशक केवल आर्थिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि राज्य में स्थायी औद्योगिक ढांचे के निर्माण में भी योगदान देंगे। ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक उत्पादक क्षेत्रों में नए प्रोजेक्ट्स राज्य को औद्योगिक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेंगे।
प्रवासी उद्यमियों की यह पहल राज्य में औद्योगिक निवेश के नए अवसर पैदा करेगी और छोटे एवं मध्यम उद्योगों (SMEs) के लिए भी अवसर उपलब्ध कराएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, इस निवेश से राज्य की आर्थिक वृद्धि दर में सकारात्मक असर पड़ने की संभावना है।
इस प्रकार, राजस्थान की नई उद्योग नीति और प्रवासी राजस्थानी निवेशकों की भागीदारी मिलकर राज्य में औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और आर्थिक समृद्धि के नए मार्ग खोल रही है। यह नीति राज्य को निवेश और उद्योग के क्षेत्र में मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

