शेरनी ‘तारा’ के दोनों शावकों की मौत, वीडियो में जानें नियोनेटल यूनिट में चल रहा था उपचार

राजधानी जयपुर स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से वन्यजीवन प्रेमियों के लिए दुखद खबर सामने आई है। पार्क में रहने वाली एशियाटिक शेरनी ‘तारा’ के दूसरे शावक की भी पिछले 24 घंटे के भीतर मौत हो गई है। इससे पहले उसका पहला शावक भी दम तोड़ चुका था। अब दोनों शावकों की असमय मौत से वन विभाग और पशु चिकित्सकों में भी चिंता की लहर दौड़ गई है।
6 मई को दूसरी बार बनी थी मां
एशियाटिक शेरनी तारा ने इसी महीने 6 मई को दूसरी बार दो शावकों को जन्म दिया था। जन्म के साथ ही पार्क प्रशासन में खुशी की लहर दौड़ गई थी, क्योंकि एशियाटिक शेर प्रजाति विलुप्तप्राय मानी जाती है और इनकी संख्या बेहद सीमित है। लेकिन अब महज 8 दिनों के भीतर दोनों शावकों की मौत ने पूरे प्रयासों और उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी
दूसरे शावक की मौत की जानकारी मिलते ही बायोलॉजिकल पार्क प्रशासन और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। शव को तुरंत पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, ताकि मौत के सही कारणों की पुष्टि की जा सके। इसके बाद नियमानुसार वन्यजीव प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी?
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शावकों की मौत के कारणों की गहन जांच की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह मामला संभावित रूप से संक्रमण या माता से अलगाव की वजह से हो सकता है। हालांकि, स्पष्ट कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आएंगे।
पार्क से जुड़े एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया, “नवजात शावक अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। उनके लिए शुरुआती कुछ दिन बेहद नाजुक होते हैं। किसी भी प्रकार की जलवायु असंतुलन, इन्फेक्शन या पोषण में कमी घातक सिद्ध हो सकती है।”
वन्यजीव संरक्षण पर सवाल
इस तरह के मामलों से यह सवाल भी उठता है कि क्या वन्यजीव पार्कों में नवजात जीवों की पर्याप्त देखभाल और चिकित्सकीय निगरानी हो रही है या नहीं। एक के बाद एक दोनों शावकों की मौत ने प्रशासन की तैयारियों पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े संगठनों ने इस घटना को लेकर चिंता जताई है और जांच की मांग की है।
जनता में शोक की लहर
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क, जो जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, वहां आने वाले पर्यटक भी इस खबर से दुखी हैं। तारा और उसके शावकों को देखने की उत्सुकता अब शोक में बदल गई है।
वन विभाग ने भरोसा दिलाया है कि शेरनी तारा की सेहत पर पूरी निगरानी रखी जा रही है और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।