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रामगढ़ मोड़-जलमहल पाल मार्ग पर रोड कट बंद होने से भड़के व्यापारी, वीडियो में देखें प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा 

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गुलाबी नगर की पहचान माने जाने वाले रामगढ़ मोड़ से जलमहल पाल की ओर जाने वाले मार्ग पर रोड कट बंद होने से स्थानीय व्यापारी और आमजन में आक्रोश फैल गया है। मंगलवार को स्थानीय व्यापारियों और रहवासियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बंद किए गए रोड कट को फिर से खोलने की मांग की।

व्यापारियों का कहना है कि इस रोड कट के बंद होने से न केवल व्यापार पर असर पड़ा है, बल्कि आमजन की आवाजाही भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने बिना जनसुनवाई किए और बिना वैकल्पिक व्यवस्था के यह कट बंद कर दिया, जिससे इलाके की दुकानों और होटलों की आय पर सीधा असर पड़ा है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठी आवाजें

प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्यापारियों ने बताया कि यह रोड कट पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए प्रमुख रास्ता था। जलमहल, आमेर और नाहरगढ़ की ओर जाने वाले सैकड़ों वाहन इसी मार्ग से होकर गुजरते थे। अब सड़क बंद होने के कारण ना सिर्फ पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है, बल्कि यातायात भी अधिक जाम हो रहा है।

स्थानीय व्यवसायी महेश अग्रवाल ने कहा, "हमने कई बार प्रशासन से अपील की, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो रही। यह रोड कट हमारे व्यापार की जीवनरेखा है। बंद होने से होटल, रेस्टोरेंट, दुकानों और ऑटो रिक्शा चालकों को भारी नुकसान हो रहा है।"

यातायात व्यवस्था पर भी सवाल

व्यापारियों का कहना है कि रोड कट बंद करने के बाद वैकल्पिक मार्गों पर अत्यधिक ट्रैफिक दबाव पड़ गया है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चों के स्कूल, बुजुर्गों के अस्पताल जाने में भी अब अधिक समय लग रहा है।

प्रशासन पर लगाया एकतरफा निर्णय का आरोप

व्यापारियों और रहवासियों ने आरोप लगाया कि यह निर्णय जनहित में नहीं, बल्कि बिना सोचे-समझे लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से पहले किसी भी प्रकार की जनसुनवाई या सुझाव प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, जो प्रशासन की तानाशाही सोच को दर्शाता है।

सरकार से की फिर मांग

प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में व्यापारियों ने राज्य सरकार से मांग की कि वह जल्द से जल्द इस मुद्दे पर संवेदनशीलता से विचार करे और रोड कट को पुनः खोला जाए। व्यापारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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