राज्य सरकार ने जारी किया राजस्थान जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश-2025, 11 कानूनों में बदलाव
राज्य सरकार ने शुक्रवार देर रात राजस्थान जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश-2025 की अधिसूचना जारी कर दी। इस अध्यादेश के तहत 11 विभिन्न कानूनों में तकनीकी या छोटी गलतियों के लिए कारावास की सजा हटाकर सिर्फ पेनल्टी का प्रावधान करने का फैसला किया गया है।
सरकार के अनुसार, इस कानूनी संशोधन का उद्देश्य कानून के अनुपालन को सरल और व्यवहारिक बनाना है। छोटे या तकनीकी उल्लंघनों के लिए कठोर कारावास की सजा की जगह अब केवल वित्तीय दंड देना सुनिश्चित किया गया है। इससे आम नागरिकों और व्यवसायों को गैरजरूरी कानूनी परेशानियों से राहत मिलेगी।
राज्य सरकार ने बताया कि अध्यादेश में शामिल 11 कानूनों में तकनीकी या मामूली उल्लंघनों पर सजा में बदलाव किया गया है। इससे कानून में स्पष्टता आएगी और न्यायपालिका पर अतिरिक्त बोझ कम होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम शासन और जनता के बीच विश्वास बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
अध्यक्षीय अधिसूचना के अनुसार, अब उन मामलों में जहां उल्लंघन मामूली है और समाज या राज्य के हित को गंभीर नुकसान नहीं पहुंचाता, वहां केवल पेनल्टी का प्रावधान लागू होगा। इससे कानून का उद्देश्य पूरे समाज में संतुलन बनाकर लागू करने में मदद मिलेगी।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि यह संशोधन केवल तकनीकी या मामूली उल्लंघनों पर लागू होगा, और गंभीर अपराधों या बड़े पैमाने के उल्लंघनों के लिए पहले की तरह ही कारावास की सजा जारी रहेगी। इसका मतलब है कि कानून में कठोरता केवल गंभीर मामलों तक सीमित रहेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह अध्यादेश प्रशासनिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल आम लोगों को राहत मिलेगी बल्कि सरकारी अधिकारियों और कानूनी संस्थाओं के बीच प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और स्पष्टता भी बढ़ेगी।
राज्य सरकार ने कहा कि इस तरह के सुधार से जनता के लिए कानून के अनुपालन की प्रक्रिया आसान होगी और गैरजरूरी कानूनी विवादों से बचा जा सकेगा। साथ ही, व्यवसायिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी और दक्षता भी आएगी।
इस अध्यादेश के लागू होने के बाद आम नागरिकों, व्यवसायियों और प्रशासनिक अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे कानून के नए प्रावधानों के अनुसार अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का पालन करें। राजस्थान जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश-2025 से यह स्पष्ट संदेश भी जाता है कि सरकार कानूनी सुधार और जनता के विश्वास को बढ़ाने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है।

