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जयपुर में गोविंद देवजी मंदिर में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ठाकुर श्रीजी का भव्य ज्येष्ठाभिषेक, वीडियो में जानें 120 किलो पंचामृत से हुआ अभिषेक

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राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित श्रद्धा और भक्ति का केंद्र आराध्य श्री गोविंद देवजी मंदिर एक बार फिर भक्ति और उत्सव के रंग में रंगा नजर आया। बुधवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा के पावन अवसर पर मंदिर में ठाकुर श्री गोविंद देवजी का भव्य 'ज्येष्ठाभिषेक' बड़े ही श्रद्धा और विधिविधान से संपन्न हुआ। इस शुभ अवसर पर मंदिर में हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।

120 किलो पंचामृत से हुआ श्रीजी का स्नान

इस विशेष अनुष्ठान का आयोजन मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में हुआ। धार्मिक परंपराओं के अनुसार ठाकुर श्रीजी को 120 किलो पंचामृत — जिसमें दूध, दही, घी, शहद और शक्कर शामिल थे — से पवित्र स्नान कराया गया। यह अभिषेक वैदिक मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन के साथ सम्पन्न हुआ, जिसने पूरे मंदिर परिसर को भक्तिमय बना दिया।

विशेष आरती और पंचामृत प्रसाद

ज्येष्ठाभिषेक के बाद ठाकुर श्रीजी की विशेष आरती की गई, जिसमें श्रद्धालु भावविभोर होकर शामिल हुए। आरती के बाद वही पावन पंचामृत, जिससे ठाकुर जी का अभिषेक किया गया था, भक्तों को प्रसाद रूप में वितरित किया गया। श्रद्धालुओं ने इस दिव्य प्रसाद को पाकर स्वयं को धन्य माना।

श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी थी। मंदिर के अंदर और बाहर भक्ति और आस्था का अद्भुत वातावरण देखने को मिला। कई श्रद्धालु पारंपरिक वस्त्रों में सजे हुए थे, वहीं भजन मंडलियों द्वारा गाए जा रहे कीर्तन और मंगलाचरण से वातावरण संगीतमय बना रहा।

सुरक्षा और व्यवस्था चाक-चौबंद

मंदिर प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा विशेष सुरक्षा और व्यवस्था की गई थी, जिससे भक्तों को दर्शन और पूजा में किसी प्रकार की असुविधा न हो। मंदिर के स्वयंसेवकों ने भी आयोजन को सुव्यवस्थित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

धार्मिक महत्व

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर श्री गोविंद देवजी का यह अभिषेक धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों को विशेष कृपा प्रदान करते हैं। पंचामृत स्नान से ठाकुर जी को शीतलता प्रदान की जाती है, जो ग्रीष्म ऋतु में विशेष रूप से किया जाता है।

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