एमएनआईटी जयपुर में शिक्षकों को किया सम्मानित, वीडियो में समझें विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया और चयन समिति के आधार पर हुआ टीचरों का चयन
मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी), जयपुर में मंगलवार को शिक्षक दिवस बड़े ही उत्साह और गरिमामय माहौल में मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के प्रांगण में एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षकों की भूमिका और उनके योगदान को सराहा गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महान दार्शनिक, शिक्षाविद और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।
संस्थान के निदेशक प्रो. [नाम] ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि “शिक्षक केवल ज्ञान प्रदान करने वाले नहीं होते, बल्कि वे विद्यार्थियों को जीवन मूल्यों, अनुशासन और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का भी पाठ पढ़ाते हैं। आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षा ही राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी शक्ति है।”
कार्यक्रम में छात्रों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कविताएं, गीत और नृत्य शामिल रहे, जिनमें गुरु-शिष्य परंपरा और शिक्षा के महत्व को दर्शाया गया। छात्रों ने अपने-अपने शिक्षकों के साथ बिताए अनुभवों को साझा किया और बताया कि कैसे एक अच्छे शिक्षक ने उनके जीवन की दिशा बदलने में अहम भूमिका निभाई।
इस अवसर पर उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया। एमएनआईटी की अकादमिक समिति द्वारा चयनित शिक्षकों को ‘उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान’ से नवाजा गया। उन्हें प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। सम्मान पाने वाले शिक्षकों ने इसे अपने जीवन का यादगार क्षण बताया और विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े वरिष्ठ व्यक्तित्व प्रो. [नाम] मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि “डॉ. राधाकृष्णन का जीवन दर्शन हमें बताता है कि शिक्षा का मूल उद्देश्य केवल रोजगार प्राप्त करना नहीं, बल्कि एक अच्छे इंसान और जिम्मेदार नागरिक बनना है।” उन्होंने छात्रों को तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ नैतिकता और मानवीय मूल्यों को अपनाने की सलाह दी।
कार्यक्रम का संचालन संस्थान के छात्र परिषद द्वारा किया गया। छात्रों ने शिक्षकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि “शिक्षक वह मार्गदर्शक हैं, जिनकी वजह से हम अपने लक्ष्य तक पहुँचने का रास्ता तलाश पाते हैं। उनकी प्रेरणा ही हमें कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति देती है।”
अंत में, निदेशक और उपस्थित गणमान्य लोगों ने मिलकर सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले समय में संस्थान शिक्षकों और छात्रों के लिए कई नई शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों की शुरुआत करेगा।
शिक्षक दिवस का यह कार्यक्रम न केवल शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करने का अवसर बना, बल्कि छात्रों और शिक्षकों के बीच आपसी संबंधों को और मजबूत करने का भी माध्यम साबित हुआ। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान के साथ समारोह संपन्न हुआ।

