राजस्थान में कैब एग्रीगेटर कंपनियों पर सख्ती, किराया अब सरकार तय करेगी, ऑफिस खोलना होगा अनिवार्य
राजस्थान में ओला, उबर जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियों के लिए अब नियम और सख्त होने वाले हैं। राज्य सरकार अब कैब का किराया खुद तय करेगी और कंपनियों को प्रदेश में अपना भौतिक कार्यालय (ऑफिस) खोलना अनिवार्य होगा। राजस्थान परिवहन विभाग ने नई एग्रीगेटर पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी कर दिया है, जिसमें कैब कंपनियों पर नकेल कसने की पूरी तैयारी दिखाई दे रही है।
परिवहन विभाग की ओर से जारी इस ड्राफ्ट पॉलिसी का उद्देश्य कैब सेवाओं को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और यात्रियों के हित में बनाना है। अब तक कैब कंपनियां डायनेमिक प्राइसिंग के तहत अपने हिसाब से किराया तय करती थीं, जिससे त्योहारों, बारिश या पीक आवर्स में यात्रियों को मनमाना और महंगा किराया चुकाना पड़ता था। नई पॉलिसी लागू होने के बाद किराया तय करने का अधिकार सरकार के पास होगा, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
ड्राफ्ट पॉलिसी के अनुसार, एग्रीगेटर कंपनियों को राजस्थान में रजिस्टर्ड ऑफिस खोलना अनिवार्य होगा। इससे किसी भी विवाद, शिकायत या कानूनी प्रक्रिया में कंपनियों की जवाबदेही तय की जा सकेगी। अभी तक ज्यादातर कंपनियों का प्रदेश में कोई स्थायी कार्यालय नहीं होने के कारण यात्रियों और ड्राइवरों को शिकायतों के समाधान में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
नई नीति में ड्राइवरों के हितों को भी ध्यान में रखा गया है। कंपनियों को ड्राइवरों के साथ पारदर्शी अनुबंध करना होगा और उन्हें तय समय पर भुगतान सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा ड्राइवरों की अधिकतम ड्यूटी अवधि, बीमा कवर और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े प्रावधान भी पॉलिसी में शामिल किए गए हैं। इससे ड्राइवरों का शोषण रोकने और उनकी कार्य स्थितियों में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी सख्त नियम प्रस्तावित किए गए हैं। कैब में जीपीएस, पैनिक बटन और लाइव ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं अनिवार्य होंगी। किसी भी तरह की शिकायत पर कंपनियों को तय समय सीमा में कार्रवाई करनी होगी, अन्यथा उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है या लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
परिवहन विभाग ने ड्राफ्ट पॉलिसी पर आम जनता और संबंधित पक्षों से सुझाव और आपत्तियां भी मांगी हैं। सुझावों के बाद अंतिम नीति को मंजूरी दी जाएगी और फिर इसे लागू किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह नई एग्रीगेटर पॉलिसी लागू होने के बाद राजस्थान में कैब सेवाओं का संचालन पूरी तरह नए नियमों के तहत होगा।

