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पुणे से जयपुर जाने वाली स्पाइसजेट फ्लाइट में 6 घंटे की देरी, एक्सक्लूसिव फुटेज में देंखे एयरपोर्ट पर यात्री का हंगामा

पुणे से जयपुर जाने वाली स्पाइसजेट फ्लाइट में 6 घंटे की देरी, यात्री हुए परेशान और एयरपोर्ट पर हंगामा

पुणे से जयपुर जाने वाली स्पाइसजेट एयरलाइंस की फ्लाइट एसजी 1080 अपने निर्धारित समय के लगभग 6 घंटे बाद भी उड़ान नहीं भर पाई, जिससे यात्री भारी परेशानी में पड़ गए। इस दौरान एयरलाइन कंपनी ने तीन बार फ्लाइट के टेक ऑफ टाइम को बदलते हुए यात्रियों को अलग-अलग समय दिया, लेकिन तीनों बार फ्लाइट टेक ऑफ नहीं कर पाई। इसके बाद, परेशान और भूखे प्यासे यात्रियों ने पुणे एयरपोर्ट पर हंगामा शुरू कर दिया।

टेक ऑफ टाइम के बार-बार बदलाव से यात्रियों में गुस्सा

दरअसल, फ्लाइट एसजी 1080 का निर्धारित टेक ऑफ टाइम सुबह 8 बजे था, लेकिन तकनीकी कारणों या अन्य किसी समस्या के चलते इस फ्लाइट का उड़ान समय बार-बार बदला गया। एयरलाइन ने यात्रियों को 8 बजे, फिर 10 बजे और अंत में 12 बजे तक टेक ऑफ का समय दिया, लेकिन हर बार यह समय बदलता रहा। इस क्रम में लगभग 6 घंटे बीत चुके थे, लेकिन फ्लाइट की कोई भी स्पष्ट स्थिति नहीं दी गई।

यात्रियों का भूख और प्यास से हाल बेहाल

जब तीन बार समय बदलने के बावजूद फ्लाइट उड़ान नहीं भर पाई, तो यात्रियों में गुस्सा और निराशा का माहौल बन गया। एयरपोर्ट पर इंतजार करते हुए, यात्रियों को खाने-पीने के लिए कुछ भी उपलब्ध नहीं था, जिससे उनकी स्थिति और खराब हो गई। एयरलाइन कंपनी की ओर से भी यात्रियों के लिए कोई उचित सुविधा या खानपान का प्रबंध नहीं किया गया। इससे परेशान यात्रियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और कुछ यात्रियों ने एयरपोर्ट कर्मचारियों से सीधे बातचीत करने की कोशिश की, ताकि उन्हें सही जानकारी मिल सके।

स्पाइसजेट की प्रतिक्रिया और मुआवजे की उम्मीद

स्पाइसजेट एयरलाइन ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तकनीकी कारणों की वजह से उड़ान में देरी हुई और इसके लिए वे यात्रियों से खेद प्रकट करते हैं। हालांकि, एयरलाइन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि देरी के कारण क्या थे और इसे सही करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। यात्रियों ने इस मामले में मुआवजे की उम्मीद जताई है, क्योंकि इतनी लंबी देरी और बिना सुविधा के इंतजार करना किसी भी यात्री के लिए असहनीय हो सकता है।

यात्री संरक्षण कानून के तहत कदम उठाने की आवश्यकता

इस घटना ने एक बार फिर से यात्री अधिकारों और एयरलाइन कंपनियों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारतीय विमानन नियमों के तहत, यदि किसी फ्लाइट में 3 घंटे से अधिक की देरी होती है, तो एयरलाइन को यात्रियों को मुआवजा देना होता है और उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था करनी होती है। साथ ही, यदि फ्लाइट में किसी तकनीकी कारण से देरी होती है, तो एयरलाइन को यात्रियों को स्पष्ट जानकारी प्रदान करनी चाहिए।

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