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जयपुर में पंजाब मुंबई मैच के पास ब्लैक में बिके, वीडियो में देखें

जयपुर में पंजाब मुंबई मैच के पास ब्लैक में बिके, वीडियो में देखें

राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) स्टेडियम में सोमवार को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का बहुचर्चित मुकाबला खेला गया, जिसमें मुंबई इंडियंस और पंजाब किंग्स की टीमें आमने-सामने थीं। लेकिन मैदान के अंदर क्रिकेट का रोमांच जितना चरम पर था, स्टेडियम के बाहर ब्लैक मार्केटिंग उतनी ही बेहिचक चल रही थी। मैच से पहले स्टेडियम के बाहर कॉम्प्लीमेंट्री पास (नि:शुल्क प्रवेश पत्र) को खुलेआम ब्लैक में बेचा जा रहा था। हैरानी की बात यह रही कि इस अवैध गतिविधि में महिलाएं भी सक्रिय रूप से शामिल थीं।

5000 से 12000 रुपये में बिके फ्री पास

जो पास आयोजकों द्वारा निशुल्क वितरित किए गए थे, वही पास ब्लैक में 5,000 से लेकर 12,000 रुपये तक में बेचे जा रहे थे। कई लोग टिकट खिड़कियों से निराश लौटे, लेकिन ब्लैक करने वालों से महंगे दामों पर पास खरीदने को मजबूर हुए।

स्थानीय दर्शकों और क्रिकेट प्रेमियों में इस बात को लेकर भारी नाराजगी देखी गई कि जहां सामान्य टिकटों की उपलब्धता सीमित थी, वहीं फ्री पास को काले बाजार में बेचना असमानता और भ्रष्टाचार को दर्शाता है।

महिलाओं की भी संलिप्तता

इस पूरे ब्लैक मार्केटिंग रैकेट में महिलाओं की संलिप्तता भी देखने को मिली, जो पास खरीदने वालों से मोलभाव करते हुए कैमरे में कैद हुईं। कुछ लोग मोबाइल फोन के जरिए ग्राहकों से संपर्क कर रहे थे, तो कुछ मौके पर ही पास सौंपते हुए देखे गए।

स्थानीय पत्रकारों और दर्शकों ने बताया कि यह पूरा तंत्र बेहद संगठित और सुनियोजित तरीके से संचालित किया जा रहा था।

पुलिस और प्रशासन की चुप्पी

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि पूरे मामले की जानकारी होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कोई सक्रियता नजर नहीं आई। न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही मौके पर किसी की गिरफ्तारी हुई।

इससे पहले भी IPL मैचों के दौरान जयपुर में कॉम्प्लीमेंट्री पास और टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन हर बार कार्रवाई न होने से यह चलन अब आदत बन चुका है।

सवालों के घेरे में आयोजक और सुरक्षा व्यवस्था

इस मामले ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) और आयोजकों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग पूछ रहे हैं कि जब पास फ्री में बांटे गए थे, तो वे ब्लैक करने वालों तक कैसे पहुंचे? क्या इसमें आयोजकों या संबंधित कर्मचारियों की मिलीभगत है?

साथ ही, इतनी बड़ी संख्या में ब्लैक हो रहे पास की खबर के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था की लापरवाही भी गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।

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