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जयपुर में चौंकाने वाला मामला, वीडियो में देखें पेट दर्द होने पर हॉस्पिटल आए युवक के पेट से निकले 9 लोहे के पाने और टूथब्रश

जयपुर में चौंकाने वाला मामला, वीडियो में देखें पेट दर्द होने पर हॉस्पिटल आए युवक के पेट से निकले 9 लोहे के पाने और टूथब्रश

राजधानी जयपुर में एक हैरान कर देने वाला मेडिकल मामला सामने आया है, जहां एक युवक के पेट का ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने 9 लोहे के पाने और कई टूथब्रश निकाले हैं। यह जटिल सर्जरी शहर के एक निजी अस्पताल में की गई। युवक 26 दिसंबर को पेट दर्द की गंभीर शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचा था। जांच के दौरान जो सामने आया, उसने डॉक्टरों को भी चौंका दिया।

अस्पताल में भर्ती होने के बाद युवक की स्थिति को देखते हुए तुरंत जांच शुरू की गई। प्रारंभिक जांच के बाद डॉक्टरों ने सोनोग्राफी करवाई, जिसमें पेट के अंदर असामान्य वस्तुएं नजर आईं। इसके बाद डॉक्टरों ने बिना देरी किए उसी दिन ऑपरेशन करने का फैसला लिया।

अस्पताल के सीनियर गैस्ट्रो सर्जन डॉ. तन्मय पारीक ने बताया कि मरीज की उम्र करीब 26 साल है और वह भीलवाड़ा का रहने वाला है। मरीज पेट में तेज और लगातार दर्द की शिकायत कर रहा था। डॉ. पारीक के अनुसार, “जब हमने सोनोग्राफी करवाई तो हम सभी हैरान रह गए। मरीज के पेट में बड़ी मात्रा में टूथब्रश और लोहे के पाने जैसी नुकीली और खतरनाक वस्तुएं दिखाई दीं।”

डॉक्टरों के अनुसार, ये सभी वस्तुएं पाचन तंत्र के लिए बेहद खतरनाक थीं और किसी भी समय आंतों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती थीं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 26 दिसंबर को ही ऑपरेशन किया गया। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने युवक के पेट से कुल 9 लोहे के पाने और कई टूथब्रश सफलतापूर्वक बाहर निकाले।

डॉ. पारीक ने बताया कि इस तरह के मामले बेहद दुर्लभ होते हैं। नुकीली और कठोर वस्तुएं पेट में फंस जाने से आंतों में छेद, आंतरिक रक्तस्राव और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। समय रहते ऑपरेशन नहीं किया जाता, तो मरीज की जान भी जा सकती थी।

फिलहाल ऑपरेशन के बाद युवक की हालत स्थिर बताई जा रही है और उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों की टीम यह भी जांच कर रही है कि युवक ने ये वस्तुएं किन परिस्थितियों में और क्यों निगलीं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह मामला मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हो सकता है, हालांकि इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।

चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में केवल शारीरिक इलाज ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य की जांच और काउंसलिंग भी जरूरी होती है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

यह मामला न केवल चिकित्सा जगत के लिए चौंकाने वाला है, बल्कि आम लोगों के लिए भी एक चेतावनी है कि किसी भी तरह की असामान्य आदत या मानसिक परेशानी को नजरअंदाज न किया जाए। समय पर इलाज और सही परामर्श से गंभीर हालात से बचा जा सकता है।

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