Rajasthan में जाति तक पहुंची आरसीए की लड़ाई, एडहॉक कमेटी कन्वीनर बोले- जाति विशेष वर्ग हावी होना चाहता है

राजस्थान क्रिकेट में राजनीतिक लड़ाई जातिगत स्तर तक पहुंच गई है। तदर्थ समिति के संयोजक जयदीप बिहानी ने कहा है कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर एक विशेष जाति हावी होने की कोशिश कर रही है. बिहानी ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि तदर्थ समिति के सदस्यों ने मुझ पर तानाशाह होने का आरोप लगाया है, ऐसे में उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि मैंने किस तरह की तानाशाही अपनाई। कल समिति के चार सदस्यों ने संयोजक जयदीप बिहानी के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर उनके सभी निर्णयों को पलट दिया।
बिहानी ने कहा कि धनंजय सिंह द्वारा मुझ पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। धनंजय सिंह और अन्य तदर्थ समिति सदस्यों ने मुझ पर तानाशाह होने का आरोप लगाया है। ऐसे में उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि मैंने किस तरह की तानाशाही की है। उल्लेखनीय है कि कल समिति के चार सदस्यों ने संयोजक जयदीप बिहानी के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर उनके सभी निर्णयों को पलट दिया था।
आपको बता दें कि कल जयदीप बिहानी ने पाली जिला क्रिकेट संघ की मान्यता रद्द कर दी थी और एड हॉक कमेटी के सदस्य धर्मवीर सिंह पाली जिला क्रिकेट संघ से आते हैं, जिसके बाद उन्होंने संयोजक बिहानी पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस बीच, बिहानी ने धर्मवीर सिंह पर पाली में अनुचित तरीके से चुनाव कराने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी बताया कि धर्मवीर सिंह के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की लिखित शिकायत प्राप्त हुई है।
हाल ही में बिहानी ने जोधपुर जिला क्रिकेट संघ को नोटिस जारी किया है। बिहानी ने कहा कि जोधपुर में चुनाव नियमों के विरुद्ध हुए। उन्होंने कहा कि धनंजय सिंह खुद को जोधपुर जिला क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बता रहे हैं, जबकि राजस्थान क्रिकेट संघ ने जोधपुर जिला क्रिकेट संघ को मान्यता नहीं दी है, क्योंकि धनंजय सिंह वर्तमान में नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं और उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में जब तक एक जिला संगठन से इस्तीफा स्वीकार नहीं हो जाता, तब तक दूसरे जिला संगठन से चुनाव नहीं लड़ा जा सकता।
बिहानी ने यह भी कहा कि वर्तमान में राजस्थान क्रिकेट संघ में एक जाति का वर्चस्व है और ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तदर्थ समिति के सदस्यों द्वारा बिना उनकी अनुमति के कल की गई बैठक वैध नहीं है, क्योंकि बैठक बुलाने का अधिकार केवल संयोजक को ही है। उन्होंने यह भी कहा कि बैठक में तीन लोग थे जो एक विशेष जाति से थे।