राजस्थान पुलिस ने साइबर ठगों के नेटवर्क का किया भंडाफोड़, वोडाफोन स्टोर के दो कर्मचारी गिरफ्तार
राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मोबाइल सिम कार्ड जारी कर साइबर अपराध को बढ़ावा देने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह लंबे समय से फर्जी पहचान पत्रों के सहारे सिम कार्ड जारी कर रहा था, जिन्हें अपराधी तत्व अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल कर रहे थे।
इस मामले की शुरुआत जयपुर निवासी घनश्याम मीणा की गिरफ्तारी से हुई, जिसे पहले ही साइबर क्राइम यूनिट ने संदेहास्पद गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर हिरासत में लिया था। पूछताछ के दौरान घनश्याम ने पुलिस को बताया कि वह फर्जी दस्तावेजों के जरिए सिम कार्ड एक्टिवेट करता था और इन्हें दिल्ली, नोएडा, मुंबई जैसे बड़े शहरों में आपराधिक गिरोहों को बेचता था।
घनश्याम से मिली सूचना के आधार पर साइबर पुलिस ने जयपुर के मालपुरा गेट क्षेत्र स्थित एक वोडाफोन स्टोर पर छापा मारा। यहां से दो कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव्स को गिरफ्तार किया गया, जो इस गिरोह को सिम कार्ड उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रहे थे। इन कर्मचारियों पर आरोप है कि वे बिना वेरिफिकेशन किए सैकड़ों की संख्या में सिम कार्ड एक्टिव कर चुके थे।
गिरोह का तरीका:
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह गिरोह पहले फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे पहचान पत्र तैयार करता था। इसके बाद इन दस्तावेजों को दिखाकर मोबाइल कंपनियों से नए सिम कार्ड प्राप्त किए जाते थे। इन्हीं सिम कार्डों को साइबर ठगी, बैंक फ्रॉड, फेक OTP जालसाजी और अन्य ऑनलाइन अपराधों में इस्तेमाल किया जाता था।

