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राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु परिचर भर्ती पर लगाई रोक, वीडियो में जानें बोर्ड और पशुपालन विभाग से मांगा जवाब

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राजस्थान में चल रही पशु परिचर (एनीमल अटेंडेंट) भर्ती प्रक्रिया पर फिलहाल विराम लग गया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु परिचर के 6000 से अधिक पदों पर हो रही नियुक्तियों पर अंतरिम रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में कर्मचारी चयन बोर्ड और पशुपालन विभाग से चार सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इस याचिका पर अगली सुनवाई अब 2 जुलाई को होगी।

यह फैसला न्यायमूर्ति अनूप कुमार धानक की एकल पीठ ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। याचिका में भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी गई है और इसमें कई अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि भर्ती के नियमों और प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई, जिससे योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हो सकता है।

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस बात पर संज्ञान लिया कि इतने बड़े स्तर की भर्ती प्रक्रिया में यदि प्रारंभिक स्तर पर ही आपत्तियाँ सामने आ रही हैं, तो प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगाना उचित रहेगा। अदालत ने पशुपालन विभाग और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) को चार हफ्तों में विस्तृत जवाब देने का आदेश दिया है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि भर्ती प्रक्रिया किस प्रकार से नियमानुसार संचालित की जा रही है।

इस भर्ती प्रक्रिया के तहत प्रदेशभर में पशु परिचर के कुल 5934 पदों को भरने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी और परीक्षा आयोजित कराने की तैयारी चल रही थी। बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने इन पदों के लिए आवेदन किया है, जिनमें अधिकांश ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं और पशुपालन से जुड़े अनुभव रखते हैं।

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद फिलहाल चयन प्रक्रिया ठप हो गई है और भर्ती परीक्षा या आगे की कोई प्रक्रिया तब तक नहीं हो पाएगी जब तक अदालत कोई अंतिम निर्णय नहीं देती। इससे लाखों उम्मीदवारों की उम्मीदों को फिलहाल झटका लगा है, जो लंबे समय से सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे हैं।

वहीं, राज्य सरकार और संबंधित विभाग इस मामले को लेकर कानूनी सलाह ले रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, पशुपालन विभाग और चयन बोर्ड अदालत में अपना पक्ष मजबूती से रखने की तैयारी कर रहे हैं और यह दावा कर सकते हैं कि प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और नियमानुसार है।

अब सभी की निगाहें 2 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ेगी या इसमें किसी तरह का संशोधन या पुनरावलोकन किया जाएगा। तब तक के लिए पशु परिचर भर्ती से जुड़ी सारी गतिविधियाँ स्थगित रहेंगी।

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