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Rajasthan में विभागीय जांच के लिए सरकार ने बनाया ई-इन्क्वायरी पोर्टल, संबंधित मामलों का होगा ऑनलाइन निस्तारण

Rajasthan में विभागीय जांच के लिए सरकार ने बनाया ई-इन्क्वायरी पोर्टल, संबंधित मामलों का होगा ऑनलाइन निस्तारण

राजस्थान के सरकारी विभागों में कर्मचारियों के खिलाफ हजारों विभागीय जांच के मामले लंबित हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार पिछले दो-तीन साल से 14 से 15 हजार मामले लंबित हैं। जबकि 300 ऐसे मामले हैं जो पांच से 10 साल से लंबित हैं। इन मामलों की जांच विभागीय स्तर पर की जाती है, लेकिन इसमें आमतौर पर लंबा समय लगता है और कभी-कभी तो कर्मचारी सेवानिवृत्त भी हो जाता है।

इस विभागीय जांच को लेकर गुरुवार को आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस दिशा में प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। समय पर जांच पूरी करने और संबंधित कर्मचारी को दंडित करने के लिए ई-जांच पोर्टल बनाया गया है। इसके लिए राजस्थान कार्मिक विभाग की ओर से विभागीय जांच से जुड़े नोडल अधिकारियों और सचिवों तथा विभागाध्यक्षों को पोर्टल पर प्रशिक्षण देने के लिए पत्र लिखा गया है।

विभागीय जांच की स्थिति इस प्रकार है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) राज्य सरकार से धारा 17ए के तहत प्रदेश के 22 आईएएस अधिकारियों की जांच की अनुमति मांग रहा है। वहीं ऊर्जा विभाग में विभागीय जांच के 4000 से अधिक मामले लंबित हैं। जबकि शिक्षा विभाग में 3000 से अधिक मामले लंबित हैं। इधर, गृह विभाग में विभागीय जांच से संबंधित 2500 मामले लंबित हैं। इसके अलावा कार्मिक विभाग में 1,400 मामले लंबित हैं। कार्मिक विभाग ने सौ से अधिक मामलों में जांच के लिए एसीबी को पत्र लिखा है, जबकि 50 मामलों में एसीबी ने कार्रवाई के लिए कार्मिक विभाग से मंजूरी मांगी है।

ई-डीपीसी पोर्टल भी लॉन्च किया गया
कार्मिक विभाग ने डीपीसी यानी पदोन्नति के लिए ई-डीपीसी पोर्टल भी बनाया है। इसके लिए भी संबंधित विभागों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन इस पोर्टल में कर्मचारियों की विभागीय जांच से संबंधित मामलों की स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही पदोन्नति का निर्णय ऑनलाइन लिया जाएगा।

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