राजस्थान में बॉर्डर के जिलों के लिए अतिरिक्त बजट जारी, वीडियो में जानें सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए राजस्थान सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सीमावर्ती जिलों की सुरक्षा और तैयारियों को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने 19 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट जारी किया है। यह बजट सीधे तौर पर बाड़मेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर और बीकानेर जैसे बॉर्डर जिलों को आवंटित किया गया है, ताकि वहां आवश्यक संसाधनों की खरीद और व्यवस्था को त्वरित रूप से मजबूत किया जा सके।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस बजट का उपयोग ड्रोन रोधी उपकरणों, संचार संसाधनों, आपातकालीन सेवाओं, सुरक्षा कैमरों और अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में किया जाएगा। इसके साथ ही, सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राहत और पुनर्वास से जुड़ी तैयारियों पर भी ज़ोर दिया जा रहा है।
ड्रोन हमलों की बढ़ती आशंका से सरकार सतर्क
हाल के दिनों में जैसलमेर और बाड़मेर में ड्रोन हमलों की घटनाओं ने सरकार और प्रशासन को अलर्ट मोड में ला दिया है। जैसलमेर के पोकरण क्षेत्र में दो बार ड्रोन से हमले हुए, जिन्हें भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक हवा में ही मार गिराया। इसके बाद बाड़मेर में भी ड्रोन गतिविधियों की पुष्टि हुई, जिसके चलते वहां रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
इन हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से यह अतिरिक्त बजट जारी कर जिला प्रशासन को और अधिक सक्षम बनाने की दिशा में पहल की है।
सर्वदलीय बैठक शनिवार को
राज्य सरकार ने इस गंभीर स्थिति में राजनीतिक एकता और सर्वसम्मति की दिशा में भी कदम उठाया है। मुख्यमंत्री द्वारा शनिवार को जयपुर में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। बैठक में सीमा सुरक्षा, राहत कार्यों और संभावित आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए साझा रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बयान जारी कर कहा, "सीमा पर हालात गंभीर हैं। इस समय हम सभी को राजनीति से ऊपर उठकर राज्य और नागरिकों की सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा। सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।"
सीमावर्ती जिलों में अलर्ट, प्रशासन मुस्तैद
बाड़मेर, जैसलमेर और अन्य सीमावर्ती जिलों में जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। पुलिस, बीएसएफ और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर निगरानी बढ़ा दी गई है। ग्राम स्तर पर भी चौकसी के लिए स्थानीय सतर्कता समितियां सक्रिय की जा रही हैं।