राजस्थान सरकार की 9 बड़ी योजनाएं ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए, लेकिन इस डर के चलते नहीं उठा पा रहे लाभ

राजस्थान में ट्रांसजेंडर समुदाय के उत्थान के लिए सरकार मुख्य रूप से 9 सरकारी योजनाएं चला रही है, लेकिन पहचान उजागर होने के डर से यह समुदाय इन योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो रहा है। स्थिति यह है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार ने ट्रांसजेंडर उत्थान कोष के तहत 175 लाख रुपए का प्रावधान किया, लेकिन एक साल में सिर्फ 14.42 लाख रुपए ही खर्च हो पाए। विशेषज्ञों का मानना है कि बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर सिर्फ इसलिए इन लाभों को लेने से पीछे हट रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि अगर उन्होंने किसी योजना का लाभ लिया तो उनकी पहचान सार्वजनिक होने से उन्हें सामाजिक बहिष्कार और भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है।
बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडरों की स्थिति दयनीय है ट्रांसजेंडरों के जीवन संघर्ष पर पीएचडी कर रहे शिवराज गुर्जर का कहना है कि बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडरों की स्थिति दयनीय है। उन्हें तरह-तरह से उपेक्षित किया जा रहा है। ऐसे में उन्हें इन योजनाओं का लाभ धरातल पर मिलना चाहिए। वहीं ट्रांसजेंडर सामाजिक कार्यकर्ता नूर शेखावत ने कहा कि अगर सरकारी तंत्र ट्रांसजेंडरों को भरोसा दिलाए कि उनकी निजता बरकरार रखी जाएगी तो ये योजनाएं निचले स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाएगी।
प्रदेश में करीब एक लाख की आबादी
ट्रांसजेंडर समुदाय सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से दूर है। पहचान उजागर होने के डर के अलावा भी कई कारण हैं। छात्रवृत्ति की बात करें तो कोई भी ट्रांसजेंडर छात्रों का अभिभावक नहीं बनना चाहता। ये लोग दूसरे शहरों और राज्यों में जाकर बस जाते हैं। इनके पास खुद के दस्तावेज नहीं होते। सरकार को इनके दस्तावेज और ट्रांसजेंडर कार्ड बनवाने में मदद करनी चाहिए। प्रदेश में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए सर्वे होना चाहिए, ताकि पता चल सके कि किस उम्र के कितने ट्रांसजेंडर हैं। हमारे अनुमान के मुताबिक जयपुर में करीब 5 हजार और प्रदेश में करीब एक लाख ट्रांसजेंडरों की आबादी है।
पुष्पा माई, ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता
ये चल रही योजनाएं
शिक्षा - ट्रांसजेंडरों को प्राथमिक से लेकर उच्च/तकनीकी शिक्षा तक छात्रवृत्ति दी जाती है।
व्यावसायिक प्रशिक्षण - विभिन्न प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से ट्रांसजेंडरों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने का प्रावधान है।
आवासीय - ट्रांसजेंडर छात्रों के आवास और दैनिक जरूरतों के लिए 6 हजार रुपये प्रति माह की सहायता।
स्वरोजगार - खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए 50 हजार रुपये तक की सहायता।
चिकित्सा सहायता - लिंग परिवर्तन सर्जरी और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मुफ्त इलाज।
पेंशन योजना - ट्रांसजेंडरों को विशेष विकलांग व्यक्ति पेंशन का लाभ भी दिया जा रहा है।
योजनाओं से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं
ट्रांसजेंडर समुदाय को इन योजनाओं से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उनकी रुचि न होने के कारण योजनाओं की राशि का उपयोग नहीं हो पा रहा है। हम इस समाज के प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे और योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास करेंगे।