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राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव पर फिर संकट, फुटेज में जानें जयपुर से आईपीएल छिनने का खतरा, बीसीसीआई नाराज

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव पर फिर संकट, फुटेज में जानें जयपुर से आईपीएल छिनने का खतरा, बीसीसीआई नाराज

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) में चुनाव को लेकर एक बार फिर असमंजस की स्थिति गहराती नजर आ रही है। चुनाव कराने के उद्देश्य से गठित एडहॉक कमेटी लगातार दूसरी बार अपने दायित्वों को पूरा करने में नाकाम रही है। इस कमेटी का कार्यकाल आगामी 26 दिसंबर को समाप्त होने जा रहा है, लेकिन अभी तक चुनाव प्रक्रिया को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई है। इससे राजस्थान क्रिकेट के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, मौजूदा एडहॉक कमेटी अब तक सात बार अपने लक्ष्य में असफल रही है। इसके बावजूद राज्य सरकार एक बार फिर इस कमेटी को कार्यकाल बढ़ाने यानी एक्सटेंशन देने की तैयारी में है। सरकार का तर्क है कि चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अभी और समय की आवश्यकता है। हालांकि, क्रिकेट जगत के जानकारों का मानना है कि बार-बार एक्सटेंशन देने से आरसीए में स्थायी प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित नहीं हो पा रही है और इससे खिलाड़ियों व क्रिकेट ढांचे को नुकसान हो रहा है।

दूसरी ओर, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी नजर बनाए हुए है। सूत्रों की मानें तो बीसीसीआई जयपुर से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मुकाबले हटाने के विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहा है। बोर्ड का साफ संदेश है कि अगर तय समयसीमा में आरसीए के चुनाव नहीं कराए गए और एक निर्वाचित संस्था अस्तित्व में नहीं आई, तो जयपुर को आईपीएल की मेजबानी से वंचित किया जा सकता है।

यह स्थिति राजस्थान क्रिकेट और खासकर जयपुर के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। जयपुर का सवाई मानसिंह स्टेडियम वर्षों से आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की मेजबानी करता आया है। आईपीएल मैचों के जरिए न केवल राज्य को खेल पहचान मिलती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, पर्यटन और रोजगार को भी बड़ा फायदा होता है। अगर आईपीएल मुकाबले जयपुर से हटते हैं, तो इसका सीधा असर इन सभी क्षेत्रों पर पड़ेगा।

क्रिकेट प्रेमियों और पूर्व खिलाड़ियों में भी इस मुद्दे को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि प्रशासनिक खींचतान और राजनीतिक दखल के कारण खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर लगाया जा रहा है। युवा क्रिकेटरों को बेहतर सुविधाएं, टूर्नामेंट और अवसर तभी मिल सकते हैं, जब एक स्थिर और निर्वाचित संस्था काम करे।

अब सवाल यह है कि क्या राज्य सरकार एक बार फिर एडहॉक कमेटी को एक्सटेंशन देकर मामले को टाल देगी या बीसीसीआई के दबाव में आकर जल्द चुनाव कराने का रास्ता निकालेगी। अगर समय रहते समाधान नहीं निकला, तो इस बार जयपुर को आईपीएल की मेजबानी से हाथ धोना पड़ सकता है, जो राजस्थान क्रिकेट के लिए एक बड़ा नुकसान होगा। आने वाले कुछ दिन आरसीए और राज्य के क्रिकेट भविष्य के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं।

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