‘अरावली बचाओ–भविष्य बचाओ’ अभियान के तहत एनएसयूआई का पैदल मार्च, वीडियो में देखें बेटे के साथ शामिल हुए सचिन पायलट
राजधानी जयपुर में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) राजस्थान ने ‘अरावली बचाओ–भविष्य बचाओ’ अभियान के तहत पैदल मार्च निकाला। यह मार्च अरावली पर्वतमाला में हो रहे अवैध खनन और पर्यावरणीय क्षरण के विरोध में आयोजित किया गया था। बड़ी संख्या में छात्र और कांग्रेस कार्यकर्ता इस मार्च में शामिल हुए। हालांकि, पुलिस ने गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे पर मार्च को रोक दिया और आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी।
पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि प्रदर्शन की अनुमति केवल निर्धारित स्थान तक ही थी। आगे बढ़ने की कोशिश करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने वहीं पर नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज कराया और मार्च को समाप्त कर दिया। पुलिस बल की तैनाती के चलते मौके पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रित रही।
इस पैदल मार्च में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी शामिल हुए। खास बात यह रही कि सचिन पायलट अपने बेटे अरान पायलट के साथ इस राजनीतिक प्रदर्शन में नजर आए। यह पहला अवसर था जब सचिन पायलट किसी सार्वजनिक राजनीतिक आंदोलन में अपने बेटे को साथ लेकर पहुंचे। इसे लेकर कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच खास चर्चा देखने को मिली।
मार्च के दौरान सचिन पायलट ने राज्य सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हमें यह सोचने की जरूरत है कि आखिर ऐसी कौन-सी मजबूरी है, जिसके कारण अरावली की पूरी पहाड़ियों को खतरे की ओर धकेला जा रहा है। पायलट ने कहा कि अरावली केवल राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत के पर्यावरण संतुलन के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन इसके बावजूद सरकार इसे बचाने में गंभीर नजर नहीं आ रही है।
सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि आज भी अरावली पर्वतमाला के सैकड़ों स्थानों पर अवैध खनन जारी है। उन्होंने कहा कि यह कोई छुपी हुई बात नहीं है, बल्कि “बच्चा-बच्चा जानता है” कि अरावली में खुलेआम खनन हो रहा है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अदालतों में दिए जाने वाले हलफनामे और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर है। कागजों में भले ही नियमों की बात की जाती हो, लेकिन धरातल पर अरावली को लगातार नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
एनएसयूआई नेताओं ने भी सरकार से अरावली को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। उनका कहना था कि यदि समय रहते अवैध खनन पर सख्ती नहीं की गई तो आने वाली पीढ़ियों को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ‘अरावली बचाओ–भविष्य बचाओ’ अभियान के जरिए संगठन ने युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया।

