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जयपुर मिलिट्री स्टेशन पर ‘नेक्स्ट जनरेशन कॉम्बैट’ सेमिनार का भव्य शुभारंभ, भविष्य की सेना के स्वरूप पर मंथन

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जयपुर स्थित मिलिट्री स्टेशन में आज एक ऐतिहासिक और अत्याधुनिक तकनीकी सेमिनारनेक्स्ट जनरेशन कॉम्बैट: शेपिंग टूमारोज मिलिट्री टुडे’ का भव्य शुभारंभ हुआ। यह कार्यक्रम भारत की रक्षा क्षमताओं, भविष्य की युद्ध रणनीतियों और सैन्य प्रौद्योगिकी के विकास को केंद्र में रखकर आयोजित किया गया है। इस सेमिनार की परिकल्पना साउथ वेस्टर्न कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह द्वारा की गई थी।

सैन्य तकनीक के भविष्य पर केंद्रित मंथन

सेमिनार का उद्देश्य भारतीय सेना को आने वाले दशकों की चुनौतियों के लिए तैयार करना है। इसमें भविष्य की लड़ाइयों में प्रयोग होने वाली नई टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन वॉरफेयर, साइबर डिफेंस और रोबोटिक्स जैसे विषयों पर मंथन किया जा रहा है। इस सेमिनार में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों, रक्षा विशेषज्ञों, नीति निर्धारकों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

प्रतिष्ठित संस्थानों का सहयोग

इस महत्वपूर्ण आयोजन को सफल बनाने के लिए सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज (CLAWS) और सोसायटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) का सहयोग मिला। इन संस्थानों ने भारतीय सेना के साथ मिलकर भविष्य के युद्ध परिदृश्यों और रणनीतियों पर शोध और संवाद को बढ़ावा देने का कार्य किया है।

लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह का उद्बोधन

लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने उद्घाटन सत्र में संबोधित करते हुए कहा,
“भविष्य के युद्ध पारंपरिक नहीं होंगे। हमें तेजी से बदलती तकनीकी दुनिया के अनुरूप अपने संसाधनों, रणनीतियों और सोच को तैयार करना होगा। यह सेमिनार भारतीय सेना के तकनीकी और बौद्धिक सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है।”

उन्होंने यह भी कहा कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना भारत की आत्मनिर्भरता और रणनीतिक मजबूती का आधार है।

रक्षा क्षेत्र की कंपनियों की भागीदारी

सेमिनार में भारतीय रक्षा उद्योग से जुड़ी अग्रणी कंपनियों ने भी हिस्सा लिया और उन्होंने अपने नवीनतम तकनीकी समाधानों और सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन किया। इससे सेना और उद्योग जगत के बीच सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में सकारात्मक संवाद शुरू हुआ है।

युवाओं और सैन्य संस्थानों के लिए प्रेरणा

यह आयोजन ना सिर्फ भारतीय सेना के भविष्य की रूपरेखा तय करने वाला साबित होगा, बल्कि देश के युवा इनोवेटर्स, रक्षा इंजीनियर्स और नीति निर्धारकों के लिए भी प्रेरणादायी मंच बना है। इस सेमिनार में रक्षा अध्ययन से जुड़े कई शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है।

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