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राजस्थान में 15 अप्रेल तक ही होंगे निकाय पंचायत चुनाव, वीडियो में देखें सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से किया इनकार

राजस्थान में 15 अप्रेल तक ही होंगे निकाय पंचायत चुनाव, वीडियो में देखें सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से किया इनकार

राजस्थान में पंचायत और शहरी निकाय चुनाव 15 अप्रैल 2026 तक आयोजित किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार या किसी अन्य पक्ष द्वारा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने की कोशिशों पर दखल देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस जॉयमाला बागची और जस्टिस विपुल एम पंचोली की बेंच ने पूर्व विधायक संयम लोढ़ा की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को खारिज कर दिया।

संयम लोढ़ा ने एसएलपी के माध्यम से 14 नवंबर 2025 के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि संविधान के अनुसार शहरी निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद तुरंत चुनाव कराना अनिवार्य है। कोर्ट ने यह भी कहा कि परिसीमन (Delimitation) या अन्य प्रक्रियाएं चुनाव टालने का आधार नहीं बन सकती हैं।

राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने अदालत को बताया कि सरकार हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार समय-सीमा के भीतर चुनाव कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया वर्तमान में प्रगति पर है और सभी कानूनी और प्रशासनिक कदम समयबद्ध तरीके से उठाए जा रहे हैं।

राजस्थान में पंचायत और नगर निकाय चुनाव राज्य के लोकतांत्रिक ढांचे का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया था कि स्थानीय शासन संस्थाओं का समय पर चुना जाना संविधान की प्राथमिकताओं में से एक है। इसके साथ ही, कोर्ट ने परिसीमन या अन्य तकनीकी कारणों को चुनाव स्थगित करने के औचित्य के रूप में मान्यता नहीं दी।

विशेषज्ञों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय चुनावों की समय-सीमा सुनिश्चित करने में राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग दोनों के लिए मार्गदर्शन करेगा। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि उच्च न्यायालयों या प्रशासनिक प्रक्रियाओं के बावजूद संविधान द्वारा निर्धारित समय पर चुनाव कराने की बाध्यता सर्वोच्च है।

राज्य में पंचायत और नगर निकाय चुनाव की तैयारी पहले से ही चल रही है। निर्वाचन आयोग ने भी सभी आवश्यक तैयारियों का जायजा लेना शुरू कर दिया है। सुरक्षा, मतदाता सूची, मतदान केंद्रों की व्यवस्था और उम्मीदवारों की पात्रता संबंधी प्रक्रियाएं समय पर पूरी की जा रही हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से चुनाव के तिथि निर्धारण पर किसी भी तरह के राजनीतिक या प्रशासनिक विवाद का मार्ग रोक दिया गया है। इससे स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक दलों के लिए स्पष्ट दिशा मिल गई है कि उन्हें निर्धारित समय-सीमा के भीतर चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह भी संकेत मिलता है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की निरंतरता और समय पर चुनाव कराना किसी भी तकनीकी या प्रशासनिक अड़चन से पहले महत्वपूर्ण है। इससे राज्य में लोकतंत्र और लोक प्रशासन की प्रक्रिया मजबूत होगी।

इस प्रकार, राजस्थान में पंचायत और शहरी निकाय चुनाव तय समय-सीमा के भीतर 15 अप्रैल 2026 तक आयोजित होंगे और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने चुनाव प्रक्रिया की सुनिश्चितता को कानूनी बल प्रदान किया है।

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