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राजस्थान में फिर लौटेगा मानसून, वीडियो में जानें 11 जिलों में येलो अलर्ट, तीज पर भारी बारिश की चेतावनी

राजस्थान में फिर लौटेगा मानसून, वीडियो में जानें 11 जिलों में येलो अलर्ट, तीज पर भारी बारिश की चेतावनी

राजस्थान में एक बार फिर मानसून सक्रिय होने जा रहा है। मौसम विभाग ने शुक्रवार, 26 जुलाई से राज्य में तेज बारिश की संभावना जताई है। इसके तहत प्रदेश के 11 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जो दो दिनों तक यानी 26 जुलाई तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद 27 और 28 जुलाई को बारिश का दौर और तेज हो सकता है, जिसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और मध्य भारत से आ रही नमी के चलते राजस्थान के कई इलाकों में भारी बारिश की स्थिति बन रही है। इस दौरान तेज हवाएं, गरज-चमक और जलभराव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है।

किन जिलों में होगा असर?

शुक्रवार और शनिवार को जिन 11 जिलों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है, उनमें शामिल हैं:
जयपुर, दौसा, अजमेर, भरतपुर, टोंक, बूंदी, कोटा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, झालावाड़ और बारां।

27 और 28 जुलाई को इन जिलों में तेज से बहुत तेज बारिश हो सकती है, जिसके चलते विभाग ने ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। यह संकेत है कि मौसम की स्थिति खतरनाक हो सकती है और प्रशासनिक तैयारियों की आवश्यकता है।

1 अगस्त से फिर सुस्त होगा मानसून

मौसम विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि यह बारिश का दौर ज्यादा लंबा नहीं चलेगा। 1 अगस्त से राज्य में बारिश की तीव्रता में कमी आने लगेगी। हालांकि छिटपुट बारिश जारी रह सकती है, लेकिन व्यापक स्तर पर भारी वर्षा की संभावना कम हो जाएगी।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

तेज बारिश के अलर्ट के मद्देनजर जिला प्रशासन को अलर्ट मोड में रखा गया है। सभी तहसीलों और नगरीय निकायों को जलभराव, सड़क क्षति और बिजली व्यवस्था पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव दलों को तैयार रहने को कहा गया है।

किसानों के लिए राहत, लेकिन सतर्कता जरूरी

यह बारिश किसानों के लिए राहत जरूर लेकर आएगी, खासकर उन इलाकों में जहां अब तक कम बारिश हुई है। लेकिन जलभराव और खेतों में अत्यधिक नमी के कारण फसलों को नुकसान की आशंका भी बनी हुई है। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे मौसम अपडेट पर नजर रखें और फसलों की देखरेख सतर्कता से करें।

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