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एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में रेजिडेंट डॉक्टर की आत्महत्या से मचा हड़कंप, वीडियो में जानें साथी डॉक्टर रात से हड़ताल पर

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एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर राकेश विश्नोई की आत्महत्या के मामले ने चिकित्सा जगत को झकझोर कर रख दिया है। इसी मामले को लेकर कॉलेज के सभी रेजिडेंट डॉक्टर गुरुवार रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने कार्य का पूर्ण बहिष्कार करने की घोषणा की है, जिससे कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गई हैं।

आत्महत्या का मामला और डॉक्टरों की नाराजगी

रेजिडेंट डॉक्टर राकेश विश्नोई की आत्महत्या की घटना के पीछे कथित मानसिक उत्पीड़न और कार्यस्थल का दबाव प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। साथी डॉक्टरों का आरोप है कि राकेश को संस्थान में कठिन कार्य परिस्थितियों और अनावश्यक दबाव का सामना करना पड़ रहा था, जिसकी वजह से उन्होंने यह कदम उठाया।

दो दिन तक की थी पेनडाउन हड़ताल

इससे पहले, मंगलवार और गुरुवार को डॉक्टरों ने प्रारंभिक विरोध स्वरूप 2 घंटे की पेनडाउन हड़ताल की थी, लेकिन प्रशासन की चुप्पी और दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई न होने से नाराज होकर डॉक्टरों ने अब पूर्ण हड़ताल का रास्ता अपनाया है।

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) के पदाधिकारियों ने कहा:
"यह केवल राकेश की मौत नहीं, बल्कि सिस्टम की असंवेदनशीलता का नतीजा है। जब तक जांच पारदर्शी तरीके से नहीं होगी और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाती, हम काम पर नहीं लौटेंगे।"

चिकित्सा सेवाएं ठप, मरीज परेशान

हड़ताल का असर सीधे ओपीडी, आईपीडी और आपातकालीन सेवाओं पर पड़ने लगा है। मरीजों और उनके परिजनों को घंटों लाइन में खड़े रहने के बावजूद डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो रहे। खासतौर पर गंभीर मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है।

अस्पताल प्रशासन की ओर से सीनियर डॉक्टरों और इंटर्न्स की ड्यूटी लगाकर चिकित्सा सेवाएं चलाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यह व्यवस्था अस्थायी और अपर्याप्त साबित हो रही है।

प्रशासन ने की शांति की अपील

कॉलेज प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर से डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की गई है और मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आश्वासन दिया गया है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि वे केवल जांच नहीं, बल्कि तत्काल कार्रवाई और कार्यस्थल सुधारों की ठोस गारंटी चाहते हैं।

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