जयपुर के गोविंद देवजी मंदिर में बदली दर्शन व्यवस्था, वीडियो में जानें श्रद्धालुओं को मिलेगा निरंतर दर्शन का अवसर

जयपुर स्थित प्रसिद्ध गोविंद देवजी मंदिर में अब श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि हर रविवार, एकादशी, कार्तिक महीने और प्रमुख त्योहारों पर दर्शन की प्रक्रिया को बदलकर एक नया तरीका अपनाया जाएगा। अब श्रद्धालु लगातार चलते हुए दर्शन कर सकेंगे, जैसा कि खाटू श्यामजी, सांवलिया सेठ और सालासर बालाजी मंदिरों में देखा जाता है।
गोविंद देवजी मंदिर, जो जयपुर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और यहां आने वाले भक्तों की संख्या काफी अधिक रहती है, अब एक सहज और सुविधाजनक दर्शन अनुभव प्रदान करेगा। पहले जहां श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए लंबी कतारों का सामना करना पड़ता था, अब इस नई व्यवस्था के तहत लोग बिना रुके और बिना कतार में खड़े हुए मंदिर के गर्भगृह में भगवान के दर्शन कर सकेंगे।
इस नए दर्शन प्रणाली को लागू करने के पीछे मंदिर प्रशासन का उद्देश्य श्रद्धालुओं के समय की बचत करना और उन्हें एक आरामदायक अनुभव प्रदान करना है। इसे मंदिर प्रशासन ने अन्य प्रमुख मंदिरों के दर्शन पद्धतियों से प्रेरित होकर लागू किया है, जहां श्रद्धालु बिना रुकावट के दर्शन कर सकें।
मंदिर प्रशासन का कहना है कि यह व्यवस्था विशेष रूप से उन दिनों में प्रभावी होगी, जब मंदिर में भारी भीड़ होती है, जैसे कि एकादशी, प्रमुख त्योहार और कार्तिक महीने में। ऐसे दिनों में भक्तों को दर्शन के लिए लंबा समय और अधिक धैर्य की आवश्यकता होती थी, अब इस नई व्यवस्था के तहत वे तेज़ी से दर्शन कर सकेंगे।
इसके अलावा, मंदिर के अधिकारियों ने यह भी कहा कि इस व्यवस्था के तहत श्रद्धालु कतार में खड़े रहने के बजाय लगातार चलते हुए मंदिर के विभिन्न हिस्सों का दर्शन कर सकते हैं, जिससे दर्शन का अनुभव और भी सुखद और भाग्यशाली बन सके।
यह निर्णय मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, जो लंबे समय से इस तरह की सुविधा की उम्मीद कर रहे थे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस नए दर्शन नियम के लागू होने के बाद भक्तों का अनुभव कैसा रहता है और क्या यह अन्य मंदिरों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।