गुलाबी नगरी जयपुर के लिए सोमवार का दिन हादसों से भरा रहा। शहर में महज 9 घंटे के भीतर आगजनी की तीन बड़ी घटनाओं ने सुरक्षा और बचाव व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महेश नगर में कोचिंग संस्थान, करणी विहार में रिहायशी अपार्टमेंट और अजमेर रोड पर जेसीबी गोदाम में लगी आग ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया।
सूत्रों के अनुसार, सबसे पहली आग महेश नगर के कोचिंग संस्थान में लगी। आग इतनी तेजी से फैली कि संस्थान के कर्मचारी और छात्र खतरे में पड़ गए। समय पर फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया, लेकिन संस्थान को काफी नुकसान हुआ।
करीब दो घंटे बाद करणी विहार में रिहायशी अपार्टमेंट में आग लगने की घटना ने स्थानीय निवासियों में डर का माहौल पैदा कर दिया। पुलिस और फायर ब्रिगेड ने मिलकर अपार्टमेंट के लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन अपार्टमेंट और उसमें रहने वाले लोगों की संपत्ति को काफी नुकसान हुआ।
इसके बाद अजमेर रोड पर स्थित जेसीबी गोदाम में आग लगने से आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। गोदाम में रखे भारी मशीनरी और सामग्री में आग तेजी से फैल रही थी। फायर ब्रिगेड की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अधिकारियों के अनुसार, आग लगने की वजहों का पता लगाया जा रहा है।
शहर में लगातार आग की ये तीन घटनाएं सुरक्षा और फायर सेवाओं की तत्परता पर सवाल खड़े कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं में समय पर आग पर नियंत्रण और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। इस बार की घटनाओं ने यह दिखाया कि शहर में आग से बचाव के लिए और अधिक जागरूकता और आपातकालीन तैयारियों की आवश्यकता है।
स्थानीय प्रशासन ने घटनास्थलों का दौरा कर फायर ब्रिगेड और पुलिस टीमों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि आगे ऐसी घटनाओं को रोकने और आग लगने की स्थिति में शीघ्र प्रतिक्रिया देने के लिए और अधिक उपाय किए जाएंगे।
नागरिकों और स्थानीय व्यापारियों ने भी इन घटनाओं की निंदा की और सुरक्षा उपायों को और कड़ा करने की मांग की। उनका कहना है कि शहर में रहने वाले लोगों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फायर सेफ्टी नियमों का पालन अनिवार्य होना चाहिए।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि लोगों को आग लगने की स्थिति में बचाव के उपाय और प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी होनी चाहिए। इससे गंभीर नुकसान को कम किया जा सकता है और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
जयपुर में सोमवार को हुई इन तीन आगजनी की घटनाओं ने शहरवासियों में डर और चिंता का माहौल बना दिया है। प्रशासन और नागरिक दोनों की जिम्मेदारी है कि वे सुरक्षा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाएं और ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।

