जयपुर के रामगढ़ बांध में ड्रोन से कृत्रिम बारिश का प्रयास असफल, पूजा-अर्चना के बीच हुई कोशिश
जयपुर के रामगढ़ बांध इलाके में मंगलवार को सरकार और एक प्राइवेट कंपनी के सहयोग से ड्रोन द्वारा कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) करवाने का प्रयास किया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश इस प्रयास में सफलता नहीं मिल सकी।
कृत्रिम बारिश के इस वैज्ञानिक प्रयोग से पहले रामगढ़ बांध में वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने विधिवत पूजा-अर्चना और हवन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस धार्मिक अनुष्ठान का उद्देश्य था इस महत्वपूर्ण प्रयास की सफलता के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना और सकारात्मक वातावरण बनाना।
ड्रोन के माध्यम से बादलों में ऐसे तत्व छोड़े जाते हैं जो बारिश की प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं, लेकिन इस बार तकनीकी कारणों या मौसम की स्थिति के चलते मनचाहा परिणाम सामने नहीं आया। विशेषज्ञों का कहना है कि कृत्रिम बारिश एक जटिल प्रक्रिया है, जिसे सफल बनाने के लिए कई कारकों का अनुकूल होना आवश्यक है।
सरकार और प्राइवेट कंपनी दोनों इस तकनीक को लेकर आशावान हैं और भविष्य में पुनः प्रयास करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने जनता से धैर्य रखने और इस तकनीक पर विश्वास बनाए रखने की अपील की है।
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान में जल संरक्षण और कृषि विकास के लिए इस प्रकार के अभिनव कदम आवश्यक हैं। वे आशा जताई कि आने वाले समय में तकनीकी सुधारों के साथ कृत्रिम बारिश के प्रयास सफल होंगे।
रामगढ़ बांध क्षेत्र में इस प्रयास को लेकर लोगों में उम्मीद जगी है कि जल संकट को कम करने के लिए विज्ञान और तकनीक का उपयोग करके बेहतर परिणाम मिलेंगे। हालांकि इस बार सफलता नहीं मिली, फिर भी यह कदम प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है।
कुल मिलाकर, जयपुर के रामगढ़ बांध में कृत्रिम बारिश का प्रयास भले ही असफल रहा हो, लेकिन यह वैज्ञानिक पहल राज्य में जल संरक्षण के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। भविष्य में ऐसे प्रयास और तकनीकी सुधार प्रदेश के लिए लाभकारी साबित होंगे।

