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जयपुर पहुंची भारत की पहली मोबाइल टेली रोबोटिक सर्जरी यूनिट, देखे वीडियो 

जयपुर पहुंची भारत की पहली मोबाइल टेली रोबोटिक सर्जरी यूनिट, देखे वीडियो

भारत में बनी पहली मोबाइल टेली रोबोटिक सर्जरी यूनिट, एसएसआई मंत्रा, गुरुवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर जयपुर पहुंची। यह यूनिट अब जयपुर में मेडिकल जगत के लिए एक नई दिशा में बदलाव की शुरुआत करने जा रही है। एसएसआई मंत्रा का जयपुर में पहला पड़ाव एसएमएस मेडिकल कॉलेज था, जहां डॉक्टर्स, मेडिकल स्टूडेंट्स और हेल्थ स्टाफ के लिए इसकी तकनीकी विशेषताओं का लाइव डेमो और ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया गया।

इस यात्रा का उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र में नई तकनीकियों को लागू करना और चिकित्सा विशेषज्ञों को रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में नवीनतम जानकारी देना है। एसएसआई मंत्रा ने चिकित्सा समुदाय के लिए अपनी उच्च गुणवत्ता वाली टेली रोबोटिक सर्जरी तकनीकी प्रदर्शनी आयोजित की, जिससे मेडिकल पेशेवरों को इस क्षेत्र में कौशल और ज्ञान हासिल करने का अवसर मिला।

यूनिट 2 जुलाई को गुरुग्राम से रवाना हुई थी और अब जयपुर में अपने पहले पड़ाव पर है। एसएसआई मंत्रा की खासियत यह है कि यह मोबाइल यूनिट है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। इसकी मदद से दूर-दराज के इलाकों में स्थित चिकित्सा संस्थानों को भी रोबोटिक सर्जरी की उच्चतम सुविधाएं मिल सकेंगी।

एसएसआई मंत्रा को भारतीय चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह तकनीकी दृष्टिकोण से न केवल चिकित्सकों को नई सर्जरी विधियों से परिचित कराएगी, बल्कि मरीजों के लिए उच्चतम स्तर की सर्जिकल देखभाल भी सुनिश्चित करेगी। इसके जरिए चिकित्सा संस्थान और डॉक्टर्स को सर्जरी के तकनीकी पहलुओं को समझने और उनका उपयोग करने का बेहतर अवसर मिलेगा, जिससे देशभर में सर्जरी की गुणवत्ता में सुधार होगा।

एसएसआई मंत्रा का उद्देश्य टेलीमेडिसिन और रोबोटिक सर्जरी के जरिए भारतीय चिकित्सा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है, खासकर उन इलाकों में जहां अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की कमी है। यह तकनीक सर्जरी के दौरान चिकित्सक को वास्तविक समय में सहयोग करने की अनुमति देती है, जिससे जटिल सर्जिकल प्रक्रियाओं को भी सफलता से पूरा किया जा सकता है।

जयपुर में इस टेक्नोलॉजी के डेमो और ट्रेनिंग सेशन ने चिकित्सक समुदाय में भारी उत्साह पैदा किया है और यह उम्मीद की जा रही है कि इस तकनीक को आने वाले समय में व्यापक रूप से अपनाया जाएगा।

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