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वीडियो में देंखे सीएम भजनलाल ने प्रदेश को दी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की बड़ी सौगात

राज्य सरकार की कैबिनेट मीटिंग में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना को मिली मं

शुक्रवार दोपहर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। राज्य सरकार ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना को मंजूरी दे दी है। यह यूनिवर्सिटी प्रदेश में खेलों के क्षेत्र में एक बड़ा कदम साबित होगी। बता दें कि इस यूनिवर्सिटी की घोषणा राज्य सरकार ने अपने बजट में की थी, और अब इसे मंजूरी मिलने के बाद इसका मार्ग प्रशस्त हो गया है।

उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में इस यूनिवर्सिटी से संबंधित विधेयक को सदन में रखा जाएगा, ताकि इसे औपचारिक रूप से मंजूरी मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि यह यूनिवर्सिटी देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी होगी, जो खेल विज्ञान, स्पोट्‌र्स टेक्नोलॉजी और परफॉर्मेंस पर शोध को बढ़ावा देगी।

खेलों के क्षेत्र में एक नया अध्याय

यह यूनिवर्सिटी न केवल प्रदेश के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगी, बल्कि भारतीय खेलों के क्षेत्र में भी एक नई दिशा प्रदान करेगी। प्रेमचंद बैरवा ने कहा, "इस यूनिवर्सिटी के माध्यम से हम खेलों में सुधार के लिए आधुनिक शोध और विज्ञान की मदद लाएंगे। इससे खिलाड़ियों की ट्रेनिंग, प्रदर्शन और प्रतिस्पर्धा की गुणवत्ता में काफी सुधार होगा।"

यूनिवर्सिटी के उद्घाटन से राज्य के विभिन्न खेलों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय खिलाड़ियों की तैयारी में भी मददगार साबित होगी।

खेल विज्ञान और तकनीकी पर जोर

बैरवा ने यह भी बताया कि इस यूनिवर्सिटी का मुख्य उद्देश्य खेल विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत खिलाड़ियों की फिटनेस, मानसिक स्थिति, और खेलों में प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए नवीनतम तकनीकी उपायों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, यह यूनिवर्सिटी खिलाड़ियों को उच्चतम स्तर की कोचिंग, प्रशिक्षण और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान करेगी।

प्रदेश में खेलों के लिए उत्साहवर्धक कदम

महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का उद्घाटन प्रदेश में खेलों के प्रति उत्साह को और भी बढ़ाएगा। खासकर, युवा वर्ग के लिए यह एक बड़ा अवसर होगा, क्योंकि उन्हें अब अपने खेल कौशल को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए सही संस्थान मिल सकेगा।

इस यूनिवर्सिटी से जुड़े शोध कार्य, प्रशिक्षण कार्यक्रम और कोचिंग संस्थान न केवल खिलाड़ियों की मदद करेंगे, बल्कि प्रदेश में खेल के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएंगे।

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